बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी के उस दावे को बोगस बताया है जिसमें उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार देश के उपराष्ट्रपति बनना चाहते थे और भारतीय जनता पार्टी से अलग होने का फ़ैसला, उनकी इस चाहत से जुड़ा हो सकता है.
गुरुवार को पटना में पत्रकारों ने नीतीश कुमार से इस बाबत पूछा कि बीजेपी ने इस सरकार की समय सीमा छह से आठ महीने तय कर दी है. बीजेपी का दावा है कि ये सरकार इससे ज़्यादा नहीं चलेगी. इस पर उनका क्या कहना है?
इस पर नीतीश कुमार ने जवाब दिया, “जिसे जो मन में आता है, वो कहता रहे. कौन-कौन लोग बोलता है. एक आदमी को देखे नहीं कि क्या बोल दिए मेरे बारे में कि हम उपराष्ट्रपति बनना चाहते थे. क्या मजाक है?”
बुधवार को सुशील कुमार मोदी ने ये दावा किया था कि, “नीतीश कुमार देश के उपराष्ट्रपति बनना चाहते थे. जदयू के कई नेताओं ने बीजेपी के मंत्रियों से इस बारे में पूछा भी था कि क्या ये मुमकिन है?”
नीतीश कुमार ने आगे कहा, “ये एकदम बोगस बात है. राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति बनने की हमारी कोई इच्छा नहीं थी. ये लोग भूल गए क्या कि राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों के चुनाव में हमारी पार्टी ने कितना सपोर्ट किया था. जिस दिन ये सब ख़त्म हो गया, उसके बाद हम लोगों ने पार्टी की मीटिंग की. इसलिए वे बोल रहे हैं, उन्हें तो उनकी पार्टी ने कुछ बनाया नहीं. आजकल वे बोल रहे हैं, जो लोग बोल रहे हैं, वो अच्छा है, वो मेरे ख़िलाफ़ इतना बोलें कि उन्हें जगह मिल जाए.”
-एजेंसी
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.