एटा के थाना निधौली कला क्षेत्र के गांव नगला फकीर में मुकेश कुमार रहते हैं। उनकी चार साल की बेटी मन्नू को बुखार आया था। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार सुबह छह बजे हालत बिगड़ने पर उसे वीरांगना अवंतीबाई लोधी स्वशासी राज्य मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। डॉक्टर ने उसे बुखार संग निमोनिया बताया। जूनियर रेजीडेंट डॉ. शिवम ने उसका इलाज शुरू कर दिया।
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो तभी बच्ची के मुंह से झाग आने लगे। दोपहर के एक बजे उसकी हालत बिगड़ी तो बेड नंबर आठ पर पाइपलाइन से आक्सीजन लगाई गई। लेकिन लाइन का बॉल्व खराब था। ऐसे में उसे ऑक्सीजन नहीं मिली।
उसकी हालत बिगड़ने लगी। करीब डेढ़ घंटे बाद उसे दूसरे बेड पर लिटाया गया, वहां ऑक्सीजन मिली। फिर उसे आगरा रेफर किया गया।
यहां भी लापरवाही की हद हुई। आगरा ले जाने के लिए जो 108 एंबुलेंस पहुंची, उसमें ऑक्सीजन नहीं थी। फिर दूसरी एंबुलेंस बुलाई तो उसका भी यही हाल था। उसमें भी आक्सीजन नहीं थी।
करीब साढ़े तीन बजे तीसरी एंबुलेंस पहुंची। तब उसे एसएन मेडिकल कॉलेज आगरा के लिए भेजा गया। लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एंबुलेंस नोडल अधिकारी डॉ सतीश नागर ने बताया कि एंबुलेंस में ऑक्सीजन नहीं पाई गई तो मामला गंभीर है। जांच कराकर कार्रवाई को लिखा जाएगा।
-एजेंसी
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