श्रीलंका के सुप्रीम कोर्ट ने आज एक अंतरिम आदेश जारी करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे और पूर्व मंत्री बेसिल राजपक्षे को अदालत की इजाजत के बिना 28 जुलाई तक देश छोड़ने से रोका दिया है. श्रीलंका के डेली मिरर ने इस संबंध में जानकारी शेयर की है.
इससे पहले मंगलवार को श्रीलंका के सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी, जिसमें पूर्व पीएम महिंद्र राजपक्षे और राजपक्षे शासन के अन्य प्रभावशाली अधिकारियों के अदालत को सूचित किए बिना देश छोड़ने पर रोक लगाने की मांग की गई थी.
सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला ऐसे वक्त में आया है जब एक दिन पहले ही गोटाबाया राजपक्षे ने राष्ट्रपति पद से इस्तीफे का एलान कर दिया था, वहीं रानिल विक्रमसिंघे को अंतरिम राष्ट्रपति बना दिया गया है. खबर ये भी है कि गोटाबाया राजपक्षे सिंगापुर पहुंच गए हैं. इससे पहले 71 साल के पूर्व वित्त मंत्री बेसिल राजपक्षे को हाल ही में कोलंबो हवाई अड्डे से वापस लौटा दिया गया था.
देश छोड़ने की कोशिश में थे बेसिल राजपक्षे
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया था कि वो वीआईपी टर्मिनल के जरिए देश छोड़ने की कोशिश में थे. बेसिल राजपक्षे गोटाबाया और महेंद्रा राजपक्षे के भाई हैं. उनके पास अमेरिकी पासपोर्ट भी है. द्वीपीय देश श्रीलंका इन दिनों सबसे खराब आर्थिक संकट से जूझ रहा है. देश की सियासी ज़मीन डामाडोल है और लोगों का गुस्सा राजपक्षे परिवार के खिलाफ चरम पर है. ऐसे में राजपक्षे परिवार के लोगों के देश छोड़ने की आशंकाएं लगातार गहरा रही हैं.
-एजेंसी
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