आगरा: विद्यार्थियों के अंकों पर डीआईओएस ने साधी चुप्पी, 30 दिन बाद भी नहीं दिया आरटीआई का जवाब

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आगरा: यूपी बोर्ड द्वारा हाई स्कूल के 128 विद्यार्थियों को दी गई खाली मार्कशीट में अंको की जानकारी पर जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के जन सूचना अधिकारी ने चुप्पी साध ली है। तीस दिन बीत जाने के बाद भी आरटीआई का जवाब नहीं दिया। 47 छात्रों ने सामूहिक रूप से अलग-अलग आरटीआई दायर करके अपने अंको के बारे में सूचना मांगी थी लेकिन अभी तक कोई जानकारी विद्यार्थियों को उपलब्ध नहीं कराई गई जबकि सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत 30 दिन के भीतर सूचना देनी होती है।

यह मांगी सूचना

सत्र 2020-21 में हाई स्कूल के छात्रों को अंक रहित मार्कशीट मिली है। उसी के संदर्भ में विद्यार्थियों ने जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय से 8 जून को अलग-अलग आरटीआई दायर करके पूछा था कि विद्यालय द्वारा बोर्ड को कक्षा 9 तथा हाई स्कूल प्री बोर्ड की लिखित परीक्षा तथा प्रयोगात्मक परीक्षा के कितने अंक भेजे गए। वहीं विद्यार्थियों ने यह भी पूछा कि बोर्ड द्वारा उनको उक्त परीक्षाओं के कितने अंक दिए गए। आरटीआई की अर्जी लेने से पहले तो जन सूचना अधिकारी ने इंकार कर दिया था। जिला विद्यालय निरीक्षक ने भी विद्यार्थियों को पुलिस बुलाने की धमकी दी थी। संयुक्त शिक्षा निदेशक के हस्तक्षेप पर आरटीआई के आवेदन स्वीकार किए गए थे।

यह कहता है नियम

चाइल्ड राइट्स एवं आरटीआई एक्टिविस्ट नरेश पारस का कहना है कि सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जन सूचना अधिकारी को 30 दिन के भीतर सूचना उपलब्ध कराने का प्रावधान है। यदि वह निर्धारित समय अवधि में सूचनाएं उपलब्ध नहीं कराता है तो उसकी तरफ से इंकार समझा जाएगा।

आरटीआई की धारा 6(3) स्पष्ट कहती है यदि सूचना किसी दूसरे पटल से संबंधित है तो वहां से मंगा कर दी जाए लेकिन जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय द्वारा अभी तक कोई सूचना उपलब्ध नहीं कराई गई है। यह सूचना अधिकार कानून का उल्लंघन है। इसके विरुद्ध संयुक्त शिक्षा निदेशक कार्यालय में प्रथम अपील दायर की जाएगी।

-up18news


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