लखनऊ: स्वास्थ्य विभाग में तबादलों को लेकर सूबे के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और विभाग के अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद में ठन गई है। आरोप है कि तबादला नीति को अनदेखा कर ये तबादले किए गए हैं। डिप्टी सीएम ने अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर स्पष्टीकरण मांगा है।
बता दें कि अभी हाल ही में स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टर से लेकर कर्मचारियों के तबादले किए गए हैं। इस पर डिप्टी सीएम ने सवाल उठाए हैं। पूरा ब्योरा मांगा है। कहा है कि लखनऊ समेत अन्य जिलों के बड़े अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी है। ऐसे में कई जगह डॉक्टरों का तबादला कर दिया गया है लेकिन वहां दूसरे डॉक्टरों की तैनाती नहीं की गई है।
डिप्टी सीएम ने पूछा है कि ऐसे में संबंधित अस्पताल के संचालन में क्या व्यवस्था है, इसका विवरण दिया जाए। इसके अलावा जिन डॉक्टरों का तबादला किया गया है, उनसे अधिक अवधि वाला कोई डॉक्टर संबंधित जिले या मंडल में कार्यरत तो नहीं है। कितने चिकित्साधिकारी विभिन्न स्थानों में संबद्ध है। उनके संबद्धीकरण पर लिए गए विवरण सहित सूची उपल्बध कराएं।
25 जिलों में नए सीएमओ तैनात
दरअसल, इस बार 25 जिलों में नए सीएमओ तैनात हुए। इनमें से कुछ के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। कुछ पर आरोप साबित हो चुके हैं। कुछ हार्ट पेशेंट हैं। कुछ ऐसे डॉक्टरों को सीएमओ बनाया है, जो शासनादेश के विपरीत है। छानबीन में पता चला कि लिवर की बीमारी की वजह से पांच साल से तबादला मांग रहे डॉ. दीपेंद्र सिंह का मौत के बाद तबादला किया गया।
मरने के बाद बनाया सीएमओ फतेहपुर
बताया जा रहा है कि डॉ. दीपेंद्र को प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू चिकित्सालय में सर्जन के पद पर भेजने का आदेश जारी हुआ। 17 जून को उनकी मौत हो चुकी थी। उनकी तेरहवीं के अगले दिन मनचाही जगह पर तैनाती का संदेश आया। इसी तरह बाराबंकी में तैनात डिप्टी सीएमओ डॉ. सुधीर चंद्र की 12 जून को मौत हो गई है। वह बीमार थे। मरने के बाद उनका तबादला सीएमओ फतेहपुर के लिए कर दिया गया।
नियमानुसार तबादले किए
एक मीडिया वेबसाइट के मुताबिक, मामले में अपर मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद का कहना है कि तबादले नियमानुसार किए गए हैं। उप मुख्यमंत्री के अनुमोदन पर किए गए हैं।
-एजेंसी
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