भारत ने संयुक्त राष्ट्र UN में कहा है कि ‘रिलीजियोफोबिया’ यानी किसी धर्म विशेष से भय को लेकर ‘दोहरे मापदंड’ नहीं अपनाए जा सकते हैं.
भारत ने ये भी कहा है कि हमें किसी ख़ास धर्म के प्रति डर के ख़िलाफ़ लड़ने की बजाय सभी ग़ैर-अब्राहमिक धर्मों के ख़िलाफ़ मौजूद भय के विरुद्ध भी कार्रवाई करनी चाहिए.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा कि “रिलीजियोफ़ोबिया पर कोई चुनिंदा कार्रवाई नहीं होनी चाहिए, जिसमें सिर्फ़ एक या दो धर्म शामिल हों बल्कि ये समान रूप से सभी गैर-अब्राहमिक धर्मों के ख़िलाफ़ मौजूद भय पर भी लागू होनी चाहिए. रिलिजीयोफ़ोबिया को लेकर दोहरे मापदंड नहीं हो सकते हैं.”
उन्होंने कहा कि सभी देशों को ऐसी शिक्षा व्यवस्था विकसित करनी चाहिए जो असल मायनों में लोकतंत्र और बहुलतावाद के सिद्धांतों को बढ़ावा देकर आतंकवाद से लड़ने में मदद करे. तिरुमूर्ति पहले अंतर्राष्ट्रीय काउंटरिंग हेट स्पीच डे के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि जब तक सभी धर्मों को एक समान नहीं समझा जाता तब तक इस तरह के अंतर्राष्ट्रीय दिवस अपना लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएंगे.
-एजेंसियां
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