जब भी किरण खेर का नाम जुबां पर आता है तो दिमाग में बॉलीवुड फिल्मों की एक टिपिकल पंजाबी मां का चेहरा उभरकर सामने आ जाता है। 39 साल के करियर में किरण खेर ने दर्जनों फिल्में कीं और कई यादगार किरदार निभाए, लेकिन उन्हें हमेशा ही पंजाबी मम्मी वाले किरदार में बहुत पसंद किया गया। किरण खेर थिएटर की कलाकार रही हैं। पर क्या आप जानते हैं कि किरण खेर को फिल्मों में कौन लाया था? वह किसकी खोज थीं? सुनील दत्त ने किरण खेर के बारे में क्या भविष्यवाणी की थी?
किरण खेर का 14 जून को 70वां बर्थडे है और इस मौके पर हम आपको किरण खेर की जिंदगी और करियर से जुड़ी इसी घटना के बारे में बता रहे हैं। किरण खेर को फिल्मों में लाने का श्रेय संजय दत्त के दिवंगत पिता और एक्टर सुनील दत्त को जाता है। कह सकते हैं कि किरण खेर, सुनील दत्त की ही खोज थीं। इसका जिक्र सुनील दत्त ने खुद 18 साल पहले एक टीवी शो में किया था। उस वक्त सुनील दत्त जीवित थे।
सुनील दत्त, किरण खेर को लाए थे मुंबई
तब सुनील दत्त टीवी शो ‘जीना इसी का नाम है’ में नजर आए थे, जिसे ऐक्टर फारुख शेख होस्ट करते थे। इस शो में सुनील दत्त ने बताया कि जब उन्होंने और वाइफ नर्गिस दत्त ने किरण खेर की तस्वीर देखी तो हैरान रह गए थे। उन्होंने देखते ही कहा था कि यह लड़की कुछ न कुछ जरूर बनेगी। इसे फिल्म में जरूर लाना चाहिए।
‘जीना इसी का नाम है’ में जब किरण खेर आईं तो उनके सामने सुनील दत्त द्वारा कही गई बात का एक वीडियो क्लिप दिखाया गया। वीडियो में सुनील दत्त, किरण खेर के लिए कह रहे थे, ‘तुम्हें याद होगा कि पहली बार मैं जब तुम्हें मुंबई लाया था। मैंने और मेरी धर्मपत्नी ने तुम्हारी फोटोग्राफ्स देखी थीं, चूंकि तुम अच्छी बेडमिंटन प्लेयर थीं। तु्म्हारी बहन भी अच्छी प्लेयर थी।’
सुनील दत्त ने किरण खेर के लिए की थी भविष्यवाणी
सुनील दत्त ने आगे कहा था, ‘उस वक्त हम एक फिल्म बना रहे थे तो मैंने सोचा कि ये लड़की जरूर कुछ न कुछ बनेगी। क्यों न इसे फिल्म में लाया जाए? और मुझे सबसे ज्यादा खुशी इस चीज की है कि आकर तुमने मेहनत की। हारी नहीं तुम, क्योंकि फिल्म इंडस्ट्री में बहुत मेहनत करनी पड़ती है। मैं बधाई देता हूं कि तुमने जिस मेहनत से, जिस लगन से फिल्मी दुनिया में आकर अपना मुकाम बनाया है।’
इस वजह से नहीं बन पाई किरण खेर के साथ सुनील दत्त की फिल्म
सुनील दत्त की कही बातें सुनकर किरण खेर खुश हो गई थीं और फिर उन्होंने वजह भी बताई कि आखिर क्यों सुनील दत्त के साथ उनकी लॉन्च वाली फिल्म क्यों नहीं बन पाई। किरण खेर ने बताया था कि कुछ आर्थिक दिक्कतें हो गई थीं जिनकी वजह से फिल्म कभी बन नहीं पाई और बंद हो गई।
किरण खेर का स्ट्रगल
किरण खेर ने मुंबई आने के बाद हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में कदम जमाने की कोशिशें तेज कर दीं। 1980 के दशक में वह अपने दम पर हर संभव कोशिश करती रहीं, पर सफलता नहीं मिली। किरण खेर एक अदद रोल की तलाश में एक प्रोड्यूसर से दूसरे प्रोड्यूसर के दर भटकतीं। उसी दौरान किरण खेर की अनुपम खेर से मुलाकात हुई। अनुपम खेर भी उस वक्त इंडस्ट्री में स्ट्रगल कर रहे थे। किरण खेर, अनुपम खेर को कॉलेज के दिनों से जानती थीं। दोनों ने एक साथ चंडीगढ़ की एक यूनिवर्सिटी में साथ पढ़ाई की थी। स्ट्रगल के उन्हीं दिनों में एक-दूसरे का साथ किरण खेर और अनुपम खेर को करीब ले आया। किरण खेर उस वक्त शादीशुदा थीं, और अनुपम खेर भी। पर उनके मन में एक-दूसरे के लिए आकर्षण बढ़ता जा रहा था। 1984 में अनुपम खेर को फिल्म ‘सारांश’ में ब्रेक मिलते ही किरण खेर ने पति को तलाक दे दिया और अनुपम खेर के साथ जिंदगी बिताने का फैसला किया।
परिवार के लिए एक्टिंग से लिया था ब्रेक, कीं ये फिल्में
किरण खेर ने भले ही एक्टिंग को अपना प्रोफेशन बनाया पर परिवार को हमेशा ही ऊपर रखा। बेटे सिकंदर की परवरिश के लिए किरण खेर ने फिल्मों और एक्टिंग से 14-15 साल का ब्रेक ले लिया था। 1983 में डेब्यू फिल्म के बाद ही किरण खेर ने कई साल का ब्रेक ले लिया था। उन्होंने फिर 1996 में कमबैक किया। किरण खेर ने ‘हम तुम’, ‘वीर जारा’, ‘रंग दे बसंती’, ‘फना’, ‘कभी अलविदा ना कहना’, ‘देवदास’ और ‘दोस्ताना’ समेत कई फिल्में कीं। ‘सरदारी बेगम’ और ‘बरीवाली’ के लिए किरण खेर ने दो नेशनल अवॉर्ड भी जीते।
-एजेंसियां
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