श्रीकृष्ण जन्मस्‍थान की 13.37 एकड़ भूमि पर स्वामित्व की मांग वाली याचिका स्‍वीकार

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ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के बाद अब मथुरा स्थित श्रीकृष्ण जन्मस्‍थान की चर्चा तेज हो गई है। लोग अब जन्मभूमि का सर्वे कराए जाने की मांग करने लगे हैं।

मथुरा की एक अदालत में श्रीकृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि के स्वामित्व की मांग को लेकर याचिका दाखिल की गई है। गुरुवार को कोर्ट ने इस याचिका को सुनवाई के लिए मंजूर कर लिया है।

हालांकि, सुनवाई की कोई तारीख नहीं दी गई है। इस मामले में श्री कृष्ण जन्मभूमि के 13.37 एकड़ ज़मीन को लेकर वकील हरिशंकर जैन ने सिविल जज के फ़ैसले के ख़िलाफ़ अपील की थी। जज राजीव भारती ने उन्होंने इस मामले में जूनियर डिविज़न कोर्ट में सुनवाई के लिए अनुमति दे दी है।

मथुरा से स्थानीय पत्रकार सुरेश सैनी ने बताया है कि वकील हरिशंकर जैन और रंजना अग्निहोत्री की अपील पर कोर्ट में कहा कि जूनियर डिवीज़न कोर्ट का सुनवाई न करने का फ़ैसला ग़लत था।

2020 में याचिका खारिज हो गई थी

श्रीकृष्ण जन्मभूमि में बनी शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग बहुत पुरानी है। साल 2020 में कोर्ट ने मस्जिद हटाने की याचिका खारिज कर दी थी। कटरा केशव देव मंदिर के 13.37 एकड़ के परिसर के भीतर मस्जिद को हटाने की मांग करते हुए अलग-अलग हिंदू समूहों की ओर से पहले मथुरा की अदालतों में 10 अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई थीं। उनका दावा है कि मस्जिद को श्रीकृष्ण के जन्मस्थान पर बनाया गया। मथुरा कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि अधिकांश हिंदू समुदाय का मानना है कि भगवान कृष्ण का जन्म उसी स्थान पर हुआ था जहां मस्जिद है।

याचिका में दावा कारागार के ऊपर मस्जिद बनी है

कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया है कि जन्मभूमि परिसर की खुदाई कराई जाए। याचिकाकर्ता ने कहा कि खुदाई की एक जांच रिपोर्ट पेश की जाए। याचिका में दावा किया गया है कि जहां पर मस्जिद का निर्माण किया गया है, वही पर कारागार मौजूद है। उसी कारागार में भगवान कान्हा का जन्म हुआ था।

-एजेंसियां


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