Agra News: सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर कार्रवाई तेज़, नगर निगम ने संस्थानों से मांगी आवारा कुत्तों की संख्या

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शेल्टर होम बनाने की चुनौती भी सामने

आगरा। शहर में बढ़ते आवारा कुत्तों के खतरे पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद आगरा नगर निगम ने सार्वजनिक व सरकारी संस्थानों से उनके परिसरों में मौजूद आवारा कुत्तों की संख्या बताने को कहा है। नगर निगम का कहना है कि कुत्तों को हटाने के लिए टीम और संसाधन उसी आधार पर तैनात किए जाएंगे।

सूत्रों के अनुसार, नगर निगम ने सभी प्रमुख सरकारी संस्थानों को पत्र जारी कर विवरण मांगा है। निगम के पशु कल्याण अधिकारी डॉ. अजय कुमार ने बताया कि यह पत्र मानसिक स्वास्थ्य संस्थान, जिला अस्पताल, एसएन मेडिकल कॉलेज, डॉ. भीमराव आंबेडकर विश्वविद्यालय, केंद्रीय हिंदी संस्थान, रेलवे स्टेशन, परिवहन निगम, सिंचाई विभाग, माध्यमिक व बेसिक शिक्षा विभाग सहित अन्य संस्थानों को भेजा गया है।

कुत्तों को हटाने का आदेश, पर इन्हें रखा कहां जाएगा?

कुत्तों को सार्वजनिक संस्थानों से हटाने की प्रक्रिया तो शुरू की जा रही है, लेकिन सबसे बड़ी चुनौती यह है कि इन कुत्तों को रखा कहाँ जाए।

नगर निगम के पास शहर भर में करीब 1.10 लाख आवारा कुत्ते होने का अनुमान है, जबकि उपलब्ध शेल्टरों की संख्या बेहद कम है।

सूत्रों के अनुसार, एक-दो स्थानों पर नए शेल्टर होम बनाने की तैयारी है, लेकिन मौजूदा व्यवस्था इतनी बड़ी संख्या को संभालने में सक्षम नहीं।

वैक्सीनेशन, नसबंदी और फीडिंग सेंटर की प्रक्रिया भी अधूरी

नगर निगम इस समय आवारा कुत्तों के वैक्सीनेशन और नसबंदी का अभियान चला रहा है। नियमों के अनुसार, सार्वजनिक स्थानों पर कुत्तों के लिए भोजन केंद्र (फीडिंग ज़ोन) भी स्थापित होने चाहिए, लेकिन शहर के केवल एक-चौथाई वार्डों में ही ये केंद्र बन पाए हैं।

स्थानीय लोगों के विरोध और स्थान की कमी के कारण इन केंद्रों की स्थापना की प्रक्रिया धीमी है।

निगम के सामने बड़ी चुनौती

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद अब नगर निगम के सामने दोहरी चुनौती है—

1. सार्वजनिक स्थानों से कुत्तों को हटाने की त्वरित कार्रवाई

2. इतने बड़े पैमाने पर कुत्तों के लिए सुरक्षित व व्यवस्थित शेल्टर तैयार करना

अभी देखना यह है कि शहर की वास्तविक परिस्थितियों में निगम इस पूरे अभियान को कितनी प्रभावी और कितनी जल्दी पूरा कर पाता है।