आगरा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने की मांग को लेकर सोमवार को अधिवक्ताओं ने दीवानी चौराहे से कलेक्ट्रेट तक निकाली जा रही रथ यात्रा पुलिस ने रोक दी। यह रथ यात्रा एमजी रोड पर आगे बढ़ रही थी। पुलिस ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए इसे बीच में ही रोक दिया। अचानक रोके जाने से अधिवक्ताओं और पुलिस के बीच खींचातानी और धक्का-मुक्की हो गई। इसके बाद अधिवक्ता सड़क पर बैठकर विरोध प्रदर्शन करने लगे।
अधिवक्ता सड़क पर ही धरने पर बैठ गए और नारेबाजी करने लगे। भीषण गर्मी के बीच एक वकील बेसुध हो गया, जिसे पुलिसकर्मियों ने पानी पिलाकर संभाला। इस दौरान एमजी रोड पर भारी जाम की स्थिति बन गई और आमजन को परेशानी का सामना करना पड़ा।
करीब 40-50 वकीलों का जत्था घोड़ा गाड़ी के साथ ‘जनरथ यात्रा’ के रूप में दीवानी से कलेक्ट्रेट के लिए रवाना हुआ था, लेकिन पुलिस ने कलेक्ट्रेट से लगभग एक किलोमीटर पहले ही यात्रा रोक दी। काफी देर तक गहमागहमी और बहस के बाद पुलिस ने अधिवक्ताओं को समझाकर वापस भेज दिया।
वरिष्ठ अधिवक्ता दुर्ग विजय सिंह भैया ने बताया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अलग राज्य गठन की मांग लंबे समय से उठ रही है। उन्होंने कहा कि यदि पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य का दर्जा मिलता है तो आगरा में हाईकोर्ट की बेंच स्थापित हो सकती है, जिससे आम जनता को न्याय की प्रक्रिया में राहत मिलेगी।
अधिवक्ताओं ने रथ यात्रा के जरिए केंद्र सरकार को संदेश दिया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की अलग पहचान बनाई जाए। उन्होंने कहा कि अलग राज्य की मांग के साथ-साथ हाईकोर्ट बेंच को लेकर भी धरना-प्रदर्शन तेज किया जाएगा।