आगरा। आगरा पुलिस ने पिछले तीन हफ्तों में अपराधियों के खिलाफ ऐसा अभियान चलाया, जो इतिहास बन गया। 28 अप्रैल से 22 मई तक लगातार मुठभेड़ों की झड़ी लगी रही। बीच के एक दो दिन को छोड़ दें तो लगभग हर रोज पुलिस और अपराधियों के बीच आमना-सामना हुआ। इस दौरान एक बदमाश ढेर हुआ जबकि 18 बदमाशों को गोलियां लगीं। 27 बदमाशों को गिरफ्तार किया गया।
ऑपरेशन क्लीन में आगरा पुलिस को 20 तमंचे, बड़ी संख्या में कारतूस, 10 बाइक, एक कार और एक ऑटो भी बरामद करने में सफलता मिली।
कब, कहां और कैसे हुईं मुठभेड़ें?
-3 मई: थाना सिकंदरा क्षेत्र में देवीराम स्वीट्स के पास एक युवक की हत्या करने के आरोपी अमन और अभिषेक पुलिस के साथ मुठभेड़ में घायल हुए। पुलिस ने दोनों को दबोचा।
-6 मई: कारगिल चौराहे पर ज्वेलर योगेश चौधरी मर्डर केस में अमन नाम के दूसरे बदमाश को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया।
-8 मई: लोहामंडी में मिलर उर्फ मिलन से पुलिस की मुठभेड़।
-9 मई: जगदीशपुरा पुलिस ने अपनी पत्नी और 9 साल की बेटी के हत्यारे अब्दुल राशिद को मुठभेड़ में पकड़ा।
-11 मई: थाना सदर में मुठभेड़ के बाद शातिर चोर कुलदीप गिरफ्तार।
-12 मई: हरिपर्वत में ठक-ठक गैंग के जावेद और दानिश पुलिस के साथ मुठभेड़ के बाद दबोचे गए।
-13 मई: एत्मादपुर में हत्यारोपी गौरव सिंह मुठभेड़ में गिरफ्तार।
-14 मई: एतमादुद्दौला में दुष्कर्म आरोपी शरीफ को पुलिस से मुठभेड़ में गोली लगी।
-15 मई: लोहामंडी में लूट और चोरी के आरोपी साहिल से मुठभेड़। गोली लगने से घायल।
-16 मई: दो मुठभेड़ें—ताजगंज में मांगेलाल और खंदौली में गब्बर से। दोनों को पैर में गोली लगी और पुलिस ने पकड़ लिए।
-18 मई: एत्मादुद्दौला में मोबाइल लुटेरे फरीद को मुठभेड़ में पुलिस की गोली लगी।
-20 मई: जगदीशपुरा पुलिस ने चोरी के आरोपी मुर्सलीन को मुठभेड़ के बाद पकड़ा।
-21 मई: न्यू आगरा में तीन टप्पेबाज और डौकी में 25 हजार रुपये के इनामी मंगलेश से मुठभेड़।
-22 मई: शाहगंज में हत्यारोपी तौहीद और चांद को पुलिस के साथ मुठभेड़ के दौरान पैर में गोली लगी।
खौफ का असर: घरों से गायब हो गए अपराधी
इस अभियान का असर यह हुआ कि जिले के 125 शातिर अपराधियों के घरों पर जब पुलिस ने दबिश दी, तो उनमें से अधिकांश अपने घरों से गायब मिले। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इनमें से कई अपराधी जिले से बाहर भाग चुके हैं।
इतिहास रचती आगरा पुलिस
इतने कम समय में इतनी बड़ी संख्या में मुठभेड़ें, गिरफ्तारियां और जब्ती शायद पहली बार दर्ज हुई हैं। एक दिन तो ऐसा भी आया जब दो अलग-अलग थानों में मुठभेड़ें हुईं। यह सिलसिला अब तक का सबसे लंबा, लगातार मुठभेड़ों वाला ऑपरेशन माना जा रहा है।