आगरा। शनिवार शाम आई तेज आंधी और बूंदाबांदी ने पिनाहट ब्लॉक क्षेत्र में जो भारी तबाही मचाई थी, उसका असर आज तक दिख रहा है। दर्जनों गांवों में बिजली के पोल और तार टूट गए, जिससे समूचा क्षेत्र रात भर अंधेरे में डूबा रहा। आज दिन में भी विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं हो सकी थी, जिससे ग्रामीणों का जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। भीषण गर्मी और पानी की किल्लत ने लोगों की परेशानी और बढ़ा दी है।
तेज हवाओं के चलते सावलदासपुरा, विप्रावली, सुबेदारपुरा, देवगढ़, पडुआपुरा, नयावास, अमर सिंह पुरा, जोधपुरा, क्योरी, उमरैठा जैसे गांवों में बिजली के खंभे गिर गए। कई जगहों पर बड़े-बड़े पेड़ भी गिरने से रास्ते अवरुद्ध हो गए। हालांकि, प्रशासन ने देर रात तक सड़कों को साफ कर यातायात बहाल कर दिया।
विद्युत विभाग की टीमें युद्धस्तर पर पोल बदलने और लाइनें जोड़ने में लगी हुई है, लेकिन, लगातार गर्मी और उमस के बीच बिजली न होने से ग्रामीणों को खासा कष्ट हो रहा है। सबसे ज्यादा संकट पानी को लेकर खड़ा हो गया है। हैंडपंप और मोटर न चल पाने से लोग बूंद-बूंद पानी के लिए जूझ रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द बिजली बहाल नहीं हुई, तो हालात बिगड़ सकते हैं।
आंधी से चंबल नदी पर बना पीपों का पुल टूटा, बारात और एंबुलेंस सहित अनेक वाहन फंसे रहे
जिले में शनिवार शाम आई आंधी के दौरान पिनाहट क्षेत्र में चंबल नदी पर बना पीपों का पुल टूट गया। पुल पर दोनों ओर से वाहनों का आवागमन हो रहा था। लोगों में अफरा-तफरी मच गयी। पुल टूटने से दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग गई। इनमें बारात व एंबुलेंस भी फंस गयीं। करीब तीन घंटे तक पुल पर आवागमन बाधित रहा।
यह घटना शाम करीब चार बजे की है। मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाला पीपों का पुल आंधी के कारण टूट कर दो हिस्सों में बंट गया। पुल के गार्डर और स्लीपर उखड़ गये।
नगर पंचायत की जेसीबी मशीन से पुल के टूटे हुए हिस्से को जोड़ने का काम शुरू किया गया। शाम सात बजे पुल के गार्डर व स्लीपर जोड़कर यातायात सुचारू किया गया।