Agra News: मुंबई क्राइम ब्रांच का नाम लेकर रिटायर्ड कर्नल को डिजिटल अरेस्ट कर आठ लाख रुपये की ठगी, मामला दर्ज

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आगरा। सरहदों पर देश की हिफाजत करने वाले एक वीर सैनिक को साइबर ठगों ने ‘डिजिटल अरेस्ट’ के नाम पर अपने झांसे में ले लिया। मामला आगरा के अदनबाग, दयालबाग क्षेत्र का है, जहां 81 वर्षीय रिटायर्ड कर्नल राजेंद्र सिंह से साइबर ठगों ने मुंबई क्राइम ब्रांच के नाम पर आठ लाख रुपये की ठगी कर ली। इस ठगी की शैली इतनी पेशेवर और भयावह थी कि पूर्व सैनिक मानसिक रूप से टूट गए और बार-बार कॉल आने से व्याकुल होकर अंततः रकम ट्रांसफर कर बैठे।

18 अप्रैल को कर्नल राजेंद्र सिंह को एक व्हाट्सऐप कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई क्राइम ब्रांच का सब-इंस्पेक्टर हेमराज कोहली बताया। उसने आरोप लगाया कि राजेंद्र सिंह ने मनी लांड्रिंग मामले में नरेश गोयल की मदद की है और उनके खिलाफ 17 शिकायतें दर्ज हैं। यहां तक धमकी दी गई कि उनकी बेटी भी जांच के दायरे में आ सकती है।

22 अप्रैल तक उन्हें लगातार वीडियो कॉल कर मानसिक दबाव में डाला गया। जब उन्होंने मुंबई आकर जांच में सहयोग करने में असमर्थता जताई, तो साइबर ठगों ने जांच में ऑनलाइन सहयोग के नाम पर उनसे आरटीजीएस के जरिए रकम ट्रांसफर करवाई। पीड़ित ने कुल आठ लाख रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किए, लेकिन इसके बावजूद धमकी भरे कॉल आते रहे।

साइबर अपराधियों ने पूरे घटनाक्रम को डिजिटल अरेस्ट का रूप देकर यह आभास कराया कि यदि सहयोग नहीं किया गया तो तत्काल गिरफ्तारी हो सकती है। इस डर और मानसिक दबाव ने एक सैन्य अधिकारी को भी ठगों के सामने असहाय बना दिया।

पीड़ित ने 26 अप्रैल को ऑनलाइन शिकायत की, जिसके बाद आगरा के साइबर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। अधिकारियों का कहना है कि बैंक खातों की ट्रेसिंग और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर जांच तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है।

यह मामला न केवल साइबर ठगों की शातिरता को उजागर करता है, बल्कि यह भी बताता है कि आज डिजिटल ठग किसी को भी अपनी गिरफ़्त में ले सकते हैं, चाहे वह एक फौजी अफसर ही क्यों न हो।