-लाभार्थियों को पुष्टाहार फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से प्राप्त कराने की तैयारी
-मंडल के जिला कार्यकम अधिकारियों, बाल विकास परियोजना अधिकारियों, मुख्य सेविकाओं एवं जिला समन्वयकों ने प्राप्त किया प्रशिक्षण
– जल्द ही मास्टर ट्रेनर के माध्यम से जनपद की सभी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को दिया जाएगा प्रशिक्षण
आगरा: बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा गुरुवार को डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के जय प्रकाश सभागार में मण्डलीय कार्याशाला का आयोजन किया गया कार्यशाला में आगरा मण्डल के समस्त जनपदों आगरा, मैनपुरी, फिरोजाबाद एवं मथुरा के जिला कार्यकम अधिकारियों, बाल विकास परियोजना अधिकारियों, मुख्य सेविकाओं एवं जिला समन्वयकों द्वारा प्रतिभाग किया गया।
जिला कार्यक्रम अधिकारी हरीश कुमार मौर्य द्वारा बताया गया कि पोषण ट्रेकर पर फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से आंगनबाड़ी केन्द्र के पंजीकृत वास्तविक लाभार्थियों में पुष्टाहार की पहुंच सुगम होगी। उन्होंने कहा कि मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) प्रतिभा सिंह के निर्देशन में पोषण ट्रेकर एप पर फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से कार्य करने का एक दिवसीय प्रशिक्षण निदेशालय बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार उत्तर प्रदेश लखनऊ से नामित प्रशिक्षक विवेक कुमार पाण्डेय द्वारा दिया गया।
जिला कार्यक्रम अधिकारी हरीश मौर्य ने बताया कि शीघ्र ही इन मास्टर ट्रेनर के माध्यम से पूरे जनपद की आगनवाड़ी कार्यकत्री को इस नए ऐप का प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा जिससे लाभार्थियों का सत्यापन आसानी से होगा एवं पोषाहार वितरण में पारदर्शिता बढ़ेगी।
फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से पुष्टाहार का वितरण कराये जाने का उद्देश्य आंगनबाड़ी केन्द्रों के लाभार्थियों गर्भवती, धात्री 07 माह से 03 वर्ष एवं 03 वर्ष से 06 वर्ष के बच्चों में पुष्टाहार वितरण को और पारदर्शी बताया जायेगा। कार्यशाला में आगरा मण्डल के समस्त जनपदों के जिला कार्यक्रम अधिकारियों, बाल विकास परियोजना अधिकारियों, मुख्य सेविकाओं एवं जिला समन्वयकों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किया गया।
कार्यशाला के मुख्य बिंदु –
– पुष्टाहार वितरण में पारदर्शिता: फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से पुष्टाहार वितरण को और पारदर्शी बनाया जाएगा।
– लाभार्थियों की पहचान: पोषण ट्रेकर एप पर फेस ऑथेंटिकेशन के माध्यम से आंगनबाड़ी केन्द्र के पंजीकृत वास्तविक लाभार्थियों की पहचान की जाएगी।
– प्रशिक्षण: कार्यशाला में आगरा मण्डल के समस्त जनपदों के जिला कार्यक्रम अधिकारियों, बाल विकास परियोजना अधिकारियों, मुख्य सेविकाओं एवं जिला समन्वयकों द्वारा प्रशिक्षण प्राप्त किया गया।
-up18News