आगरा। संजय प्लेस स्थित यूथ हॊस्टल में घुमन्तु पाठशाला द्वारा आयोजित एक संगोष्ठी में वक्ताओं ने बढ़ती शिक्षा और घटते संस्कारों पर चिंता व्यक्त की। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ब्रिगेडियर विनोद दत्ता, मुख्य वक्ता समाजसेवी आनन्द राय और विशिष्ट अतिथि समाजसेवी वत्सला प्रभाकर ने भाग लिया।
वक्ताओं ने कहा कि बदलते दौर में त्याग, संयम, सम्मान, धैर्य, सत्य और अहिंसा जैसे मूल्यों का पतन हो रहा है, जिसके लिए समाज को सजग रहना होगा। उन्होंने कहा कि शिक्षा और संस्कार समाज के विकास के लिए दोनों जरूरी हैं।
इस कार्यक्रम में डॉ. हृदेश चौधरी ने कहा कि हमारी सोच हमारी संस्कृति के अनुरूप रहेगी तो ही संस्कार बचेंगे। डॉ. माया श्रीवास्तव ने कहा कि बच्चे को अगर उपहार न दिए जाएं तो कुछ समय के लिए रोयेगा, लेकिन अगर संस्कार न दिए जाएं तो वह जीवन भर रोयेगा।
मुख्य अतिथि ब्रिगेडियर विनोद दत्ता ने कहा कि हमारे मानवीय मूल्य घट रहे हैं, संस्कार ही अपराध को रोक सकते हैं प्रशासन या सरकार नहीं। उन्होंने कहा कि हमें अपने बच्चों को संस्कार देने के लिए समय देना होगा, तभी हम एक बेहतर समाज का निर्माण कर सकते हैं।
डॉ. वेद त्रिपाठी, आनंद राय, डॉ. अर्चना सिंह, प्रमेश शर्मा, सुंदर लाल चेटवानी, शलभ भार्गव, कल्पना पोरवाल, नूतन भार्गव, कल्पना शर्मा आदि वक्ताओं ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए। प्रारंभ में ब्रिगेडियर विनोद दत्ता, आनन्द राय, वत्सला प्रभाकर एवं माताजी ग्रुप के चेयरमेन सुनील शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलित करके कार्यक्रम का शुभारंभ किया। आरती शर्मा ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।
इस अवसर पर सरिता उपाध्याय, नीलू पाराशर, पारुल भारद्वाज, अल्पा भार्गव, पूजा कौशिक, सुधा दीक्षित, अमिता त्रिपाठी, रजनी टंडन, चंद्रा मेहरोत्रा, पूजा भौमिक आदि उपस्थित थे। अमोल शर्मा और चंद्रावती नरवार ने कार्यक्रम की व्यवस्थाएं संभालीं, जबकि अवधेश उपाध्याय ने धन्यवाद ज्ञापन किया।
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