आगरा। सहकारिता विभाग के कथित घोटाले में लिप्त अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई न होने से जिला अस्पताल में भर्ती किसान चिकित्सकों के मना करने के बावजूद सीधे विकास भवन पर 17 दिन से धरना दे रहे किसानों के बीच पहुंच गए। इधर किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अपर आयुक्त से मुलाकात कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।
किसान मजदूर नेता चौधरी दिलीप सिंह अस्पताल छोड़कर धरनास्थल पर पंहुच गए। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन की कार्य प्रणाली से दोषियों को बचाया जा रहा है। किसान नेता की हालत ख़राब के बावजूद डॉक्टरों से अपना इलाज कराने से मना कर दिया। डॉक्टरों के मना करने पर भी अस्पताल को छोड़ दिया। किसान नेता कहा कि अगर सहकारिता विभाग के भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कानूनी कार्यवाही व जेल भिजवाने के लिए प्राणों की आहुति देनी पड़ेगी तो पीछे नहीं हटेंगे।
वरिष्ठ नेता डॉ. रामेश्वर सिंह चौधरी व किसान मजदूर नेता चौधरी दिलीप सिंह की अगुवाई में किसानों का प्रतिनिधिमण्डल मण्डलायुक्त कार्यालय में अपर आयुक्त कंचन सरन से मिला। उन्हें सहकारिता विभाग में जनपद के 21 गोदामों के निर्माण में अनियमितता कर 4 करोड़ 12 लाख रुपये के घोटाले से अवगत कराया।
अपर आयुक्त कंचन सरन ने प्रतिनिधिमण्डल को आश्वस्त किया कि मामले को मण्डलायुक्त के संज्ञान में लाकर पुलिस व जिला प्रशासन से जल्द ही सख्त कार्रवाई कराई जाएगी। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।
वरिष्ठ नेता डॉ रामेश्वर सिंह ने कहा कि प्रशासन को किसानों की जायज मांगों को संज्ञान लेकर सहकारिता विभाग के भ्रष्टाचार में शामिल अधिकारियों पर कार्रवाई कराई जाए।
वहीं धरने व अस्पताल में किसान नेता अर्जुन सिंह छोकर, विजेंद, श्यामवीर सिंह सरपंच, चौ. करतार सिंह, योगी पंडित सभासद, सूरज पाल सिंह, वीरेंद्र सिंह, नाथूराम, रामनिवास, देशराज मुखिया, पप्पू भगत, परवीन, लीला, चखन लाल, रामू चौधरी, प्रदीप शर्मा पूर्व प्रधान, बाबूलाल, रणवीर सिंह, कुलदीप रावत आदि मौजूद रहे।
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