प्रधानमंत्री संग्रहालय एवं पुस्तकालय ,सोसाइटी के सदस्य रिजवान कादरी ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को पत्र लिखा है। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से जुड़े दस्तावेजों को सार्वजनिक करने की मांग की। दरअसल यह दस्तावेज भारत के इतिहास के महत्वपूर्ण पहलुओं को दर्शाता है। इन्हें कथित तौर पर कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी ने वापस ले लिए थे। नेहरू से जुड़े सभी दस्तावेजों को देश की आवाम से छिपाया गया ताकि इतिहास की असलियत जनता के सामने न आ पाए।
बता दें कि इन चिट़्ठियों में पंडित नेहरू की ओर से एडविना माउंटबेटन, अल्बर्ट आइंस्टीन, जयप्रकाश नारायण और विजयलक्ष्मी पंडित जैसी नामचीन हस्तियों को लिखी गई चिट्ठियां शामिल हैं। म्यूजियम का कहना है कि या तो पत्र वापस किए जाएं या उन्हें स्कैन करने की अनुमति दी जाए ताकि उनका संरक्षण सुनिश्चित किया जा सके।
2008 में सोनिया गांधी ने मंगवाई थी चिट्ठियां
प्रधानमंत्री संग्रहालय और लाइब्रेरी सोसाइटी के सदस्य रिजवान कादरी ने बताया कि 2008 में यूपीए सरकार के दौरान इन चिट्ठियों को सोनिया गांधी के पास भेजा गया था। नेहरू के परिवार की प्रतिनिधि के तौर पर सोनिया गांधी ने ये चिट्ठियां मंगवाई थीं। कादरी ने कहा कि एक बार दान की गई वस्तुएं वापस नहीं ली जानी चाहिए थीं। हालांकि, राहुल गांधी की मंशा पर सवाल न उठाते हुए, रिजवान कादरी ने इन चिट्ठियों की फोरेंसिक ऑडिट कराने की मांग की है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दस्तावेजों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई है।
नेहरू मेमोरियल का 2021 में बदला गया नाम
नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी का नाम 15 जून 2023 को बदलकर ‘प्रधानमंत्री म्यूजियम और लाइब्रेरी’ रखा गया था। दिल्ली के तीन मूर्ति मार्ग पर स्थित यह म्यूजियम 15,600 स्क्वायर मीटर में फैला है। इसे 306 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया है। यह संग्रहालय देश के प्रधानमंत्रियों के योगदान को समर्पित है। म्यूजियम का प्रबंधन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में होता है। इसमें राजनाथ सिंह, अमित शाह और निर्मला सीतारमण जैसी सीनियर मंत्री शामिल हैं।
भाजपा ने पूछा, कौन सा राज छुपाना चाहती है कांग्रेस
भाजपा सांसद संबित पात्रा ने गांधी परिवार पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि इन दस्तावेजों को देश के सामने क्यों नहीं लाया जा रहा है। पात्रा ने यह भी पूछा कि क्या राहुल गांधी अपनी मां सोनिया गांधी से इन चिट्ठियों को वापस लौटाने पर चर्चा करेंगे। भाजपा का दावा है कि दस्तावेज देश की धरोहर हैं और इन्हें म्यूजियम में संरक्षित रहना चाहिए। पात्रा ने कहा कि इन चिट्ठियों में वैश्विक नेताओं और देश के बड़े नेताओं से जुड़े अहम तथ्य हो सकते हैं। राहुल गांधी को अब यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह सभी चिट्ठियां संग्रहालय में वापस लौट जाएं।
म्यूजियम ने मांगी चिट्ठियों की स्कैनिंग की इजाजत
इतिहासकारों और म्यूजियम प्रबंधन का मानना है कि नेहरू के यह पत्र ऐतिहासिक दृष्टिकोण से बेहद अहम हैं। इन दस्तावेजों को संरक्षित करने और जनता के सामने लाने की मांग बढ़ रही है। म्यूजियम ने यह स्पष्ट किया है कि वह केवल इन चिट्ठियों को संरक्षित करना चाहते हैं। इसके साथ ही उन्होंने गांधी परिवार से पत्रों को लौटाने या इन चिट्ठियों की स्कैनिंग की इजाजत देने की अपील की है।
साभार सहित
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