प्रतिष्ठित आईटी कंपनी में कार्यरत सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष के सुसाइड ने पुरुषों के खिलाफ उत्पीड़न को लेकर एक नई बहस छेड़ दी। उनकी मौत ने #MenToo आंदोलन को हवा देने का काम किया है, सोशल मीडिया यूजर्स #JusticeForAtulSubhash और #MenToo हैशटैग के साथ कानूनी और सामाजिक क्षेत्रों में पुरुषों के खिलाफ प्रणालीगत पूर्वाग्रहों को उजागर करने के लिए एकजुट हो रहे हैं। इस बीच पुलिस ने अतुल की पत्नी समेत उनके ससुराल वालों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश के जौनपुर के रहने वाले अतुल सुभाष सोमवार को बेंगलुरु में मराठाहल्ली के मुन्नेकोलालू स्थित अपने घर में मृत पाए गए। सुसाइड करने से पहले अतुल ने एक वीडियो और 24 पन्नों के सुसाइड नोट के जरिए अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया और ससुराल वालों पर उन्हें और उनके परिजनों को कानून का गलत तरीके से इस्तेमाल करके प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। उन्होंने इसे ही सुसाइड की वजह बताया। अब कर्नाटक पुलिस ने अतुल सुभाष के भाई बिकास कुमार की तरफ से दर्ज शिकायत के आधार पर अतुल की पत्नी निकिता समेत ससुराल के 3 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है।
बेंगलुरू की मराठाहल्ली पुलिस ने मृतक अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, पत्नी के भाई अनुराग संघानिय और चाचा सुशील सिंघानिया के खिलाफ BNS की धारा 108 और 3(5) के तहत एफ़आईआर दर्ज की है। पुलिस ने इस मामले में सख्त एक्शन लेने की बात कहते हुए जांच शुरू कर दी है। पुलिस के अनुसार, बेंगलुरु की एक निजी कंपनी में काम करने वाले अतुल सुभाष ने अपना 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा था, जिसमें उन्होंने शादी के बाद जारी तनाव और उनके खिलाफ दर्ज कई मामलों का उल्लेख किया है।
अतुल ने सुसाइड नोट में जिक्र किया कि कैसे उनकी पत्नी निकिता सिंघानिया और उनके ससुराल वालों ने उन्हें और उनके माता-पिता व भाई को कानून का गलत इस्तेमाल करके प्रताड़ित किया। अतुल ने सुसाइड करने से पहले डेढ़ घंटे का एक वीडियो भी बनाया, जिसमें उन्होंने उन सभी परिस्थितियों का जिक्र किया। पुलिस ने बताया कि अतुल का शव मंजूनाथ लेआउट क्षेत्र में स्थित उनके आवास पर फंदे से लटका मिला। उनके कमरे में एक तख्ती भी लटकी मिली, जिसमें लिखा था कि ‘न्याय मिलना बाकी है’।
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