भालुओं और हाथियों को सर्द हवाओं से बचाने के लिए वाइल्डलाइफ एसओएस ने किए गए विशेष इंतजाम

विविध

आगरा। जैसे-जैसे सर्द हवाएं और ठंड पूरे उत्तर भारत में बढ़ती जा रही है, वाइल्डलाइफ एसओएस ने उनकी देखभाल में रह रहे स्लॉथ भालुओं और हाथियों को गर्म, स्वस्थ और आरामदायक वातावरण प्रदान करने के लिए तमाम उपाय किए हैं। मथुरा के हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र तथा आगरा के भालू संरक्षण केंद्र में इन जानवरों को गर्म रखने और इनकी अनूठी जरूरतों को पूरा करने की कवायद जारी है।

मथुरा के हाथी संरक्षण और देखभाल केंद्र में बचाए गए हाथियों को कड़कड़ाती ठंड से बचाने के लिए, अतिरिक्त इन्सुलेशन परत के साथ तैयार किए गए ऊनी कंबल, कम तापमान के प्रति सबसे संवेदनशील ज्यादा उम्र वाले हाथियों को जराचिकित्सा सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।

इसके अतिरिक्त, उनके बाड़ों में ठंडी हवाओं को घुसने से रोकने के लिए हैलोजन लैंप और तिरपाल कवर भी लगाए गए हैं। हाथी लौंग और तिल के तेल की मालिश का आनंद लेते हैं, जो खून के संचारण को बढ़ाता है और आर्थराइटिस जैसी बीमारियों से राहत देता है, जो वृद्ध हाथियों में एक आम बीमारी है। पाचन और शरीर में अन्ध्रूनी गर्मी को बढ़ावा देने के लिए उनका आहार गुड़, मसालों और गर्म दलिया से समृद्ध होता है।

वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ, कार्तिक सत्यनारायण ने बताया कि हमारे द्वारा बचाए गए इन हाथियों ने पूर्व में काफी कठिनाइयां सहन की हैं। सर्दियों के दौरान उनका आराम सुनिश्चित करना एक प्राथमिकता है, खासकर वृद्ध हाथियों के लिए जो ठंड से संबंधित बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं।’

वाइल्डलाइफ एसओएस आगरा में दुनिया का सबसे बड़ा स्लॉथ भालू संरक्षण केंद्र संचालित करता है, जहां भालूओं को विशेष शीतकालीन देखभाल मिल रही है। उनके आहार में अब बाजरा से बना गर्म दलिया, प्रोटीन के लिए चिकन शोरबा या उबले अंडे और अतिरिक्त पोषण के लिए खजूर शामिल हैं।

उनकी प्रतिरोधक श्रमता को मजबूत करने के लिए, पशु चिकित्सा टीम विटामिन के साथ-साथ लीवर सप्लीमेंट भी देती है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि भालू ठंड के महीनों के दौरान स्वस्थ और आरामदायक रहें।

धान के भूसे और सूखी घास जैसी गर्म सामग्री का बिस्तर उनके बाड़ों, मांदों और झूलों में फैलाया जाता है। आर्थराइटिस से पीड़ित भालुओं को अतिरिक्त आराम प्रदान करने के लिए हीटर लगाए गए हैं। धूप भरी दोपहर के दौरान, भालू अक्सर धूप सेंकने और शांति से झपकी लेने के लिए अपने द्वारा खोदे गए मिट्टी के गड्ढों में जा कर विश्राम करते हैं।

वाइल्डलाइफ एसओएस की पशु-चिकित्सा सेवाओं के उप-निदेशक, डॉ. एस. इलियाराजा ने बताया, “हमारी देखरेख में रह रहे हाथियों और भालू दोनों के लिए शीतकालीन देखभाल महत्वपूर्ण है। गर्मी से परे, हमारा लक्ष्य उनकी प्रतिरोधक श्रमता को मजबूत करना और यह सुनिश्चित करना है कि वे आराम और समृद्धि से भरे मौसम का आनंद लें।


Discover more from Up18 News

Subscribe to get the latest posts sent to your email.