14 दिवसीय श्रीकृष्ण लीला शताब्दी वर्ष महोत्सव में बांके बिहारी प्राकट्य लीला का मंचन
रास बिहारी कृपा ट्रस्ट के कलाकारों के अभिनय को देख दर्शक हुए भाव विभाेर, भक्ति की गाथा देख सजल हुए नेत्र
बुधवार को होगा पहली बार तुलसी चरित्र एवं डांडिया का मंचन, हर दिन बढ़ रही है भक्तों की भीड़
आगरा। प्रेम में बंधन जैसा कोईशब्द नहीं होता, अगर भक्त भगवान के लिए तड़पता है तो भगवान भी भक्त को गले लगाने के लिए दौड़ पड़ते हैं…भक्ति प्रेम जब साकार रूप लेता है तो संसारवाले उसे ठाकुर बांके बिहारी के नाम से पूजते हैं। वाटरवर्क्स स्थित गौशाला प्रांगण मंगलवार को उस वक्त वृंदावन का निधिवन बन गया जब श्रीकृष्ण लीला समिति द्वारा आयोजित श्रीकृष्ण लीला शताब्दी वर्ष महोत्सव में पहली बार बांके बिहारी प्राकट्य लीला एवं फूलों की होली का मंचन हुआ।
वृंदावन के प्रदीप कृष्ण ठाकुर के निर्देशन में श्रीरास बिहारी कृपा सेवा ट्रस्ट के कलाकारों द्वारा भक्तिमय भावपूर्ण अभिनय से स्वामी हरिदास जी और उनके ठाकुर बिहारी जी को जीवंत कर दिया। लीला में दर्शाया गया कि स्वामी हरिदास जी श्रेष्ठ संगीतज्ञ व संगीत सम्राट तानसेन और बैजू बावरा के गुरू थे। वृन्दावन के निकट राजपुर नामक गाँव में जन्में हरिदास जी गृह त्यागने के पश्चात वह निधिवन में रहने लगे। वे सदैव श्रीकृष्ण की भक्ति में मग्न रहते थे। उनके भक्ति प्रेम से भाव विह्वल श्रीकृष्ण अति प्रसन्न रहते और अपने प्रेम रूपी आशीर्वाद की वर्षा करते। एक दिन जब स्वामी हरिदास जी रात्रि में सो रहे थे, तब स्वामी हरिदास जी को ठा. बांके बिहारी जी की मूर्ति को भूमि से बाहर निकालने का स्वप्न आया, जिसमें बिहारी जी ने स्वयं हरिदास जी को आदेश दिया कि वह उनकी प्रतिमा को धरा से बाहर निकालें।
स्वामी हरिदास जी ने ठा. बिहारी जी के विग्रह को बाहर निकाला और उनका नाम ठा. श्री बांके बिहारी रख दिया। तभी से बिहारी जी विश्व में ठा. बांके बिहारी के नाम से विख्यात हुए।
लीला मंचन के बाद लीला मंडली के कलाकारों ने कार्तिक माह में फाल्गुन का अहसास फूलों की होली लीला से करवा दिया। लीला पंडाल में उपस्थित हर श्रद्धालु फूलों की होली से उत्साहित दिखा।
युगल जोड़ी सरकार की आरती वत्सला प्रभाकर, अनुज सिंघल, राजेश अग्रवाल, श्रीकृष्ण लीला समिति के अध्यक्ष मनीष अग्रवाल, महामंत्री विजय रोहतगी, लीला संयोजक शेखर गोयल, अशोक गोयल, ब्रजेश अग्रवाल, पीके मोदी, अनूप गोयल, मनोज बंसल, ब्रजेश अग्रवाल, अनीश अग्रवाल, विष्णु अग्रवाल, केसी अग्रवाल, गौरी शंकरगुप्ता, राजीव अग्रवाल, विनीत सिंघल, कैलाश खन्ना, संजय गोयल चेली आदि ने उतारी।
बुधवार को होगा तुलसी चरित्र एवं डांडिया रास
अध्यक्ष मनीष अग्रवाल ने बताया कि श्रीकृष्ण लीला मंचन इस बार शताब्दी वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इस वर्ष कइ लीलाएं पहली बार मंचित हो रही हैं। जिसके अंतर्गत बुधवार को तुलसी चरित्र एवं डांडिया भी मंचित होगा।