आगरा। हाल ही में एक किसान ने आगरा के पांच डॉक्टरों पर कैंसर का षड्यंत्र रचने और 8-10 लाख रुपये ऐंठने का आरोप लगाया था। इस मामले में पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 420 के तहत मुकदमा भी दर्ज किया है। अब डॉक्टरों ने इन आरोपों को फर्जी बताते हुए पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
किरावली के गांव कुकथला निवासी राजकुमार ने एसएन मेडिकल कॉलेज के डॉ. टीपी सिंह और अन्य डॉक्टरों पर फर्जी रिपोर्ट के आधार पर कैंसर का डर दिखाकर पैसे मांगने का आरोप लगाया। उन्होंने बताया कि एक साल तक उन्हें शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना का सामना करना पड़ा।
राजकुमार का कहना है कि 17 जनवरी 2023 को उन्होंने डॉ. टीपी सिंह को दिखाया था, जब उनकी खांसी ठीक नहीं हो रही थी। डॉक्टर की सलाह पर उन्होंने फेफड़ों की बायोप्सी कराई, जिसके परिणामस्वरूप कैंसर का डर बताया गया। परिवार इस बात से घबरा गया और उन्होंने आगे की जांच के लिए विभिन्न अस्पतालों में दिखाया, जहां रिपोर्ट नेगेटिव आई।
इस मामले में चिकित्सकों ने अपने पक्ष को सामने रखते हुए कहा है कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) आगरा ने डॉ. अनिल अग्रवाल और डॉ. अर्पित अग्रवाल पर दर्ज मुकदमे का विरोध किया है। IMA के अध्यक्ष डॉ. अनूप दीक्षित ने कहा कि चिकित्सकों के खिलाफ अनुचित कार्यवाही नहीं होने दी जाएगी।
डॉक्टरों ने बताया कि यदि मरीज ने आगरा में कोई इलाज नहीं कराया है, तो उसके द्वारा किए गए खर्च का दावा गलत है। डॉ. अर्पित ने कहा कि लैब की रिपोर्ट में कैंसर की संभावना जरूर थी, लेकिन पुष्टि नहीं की गई।
इस मामले में आगे की रणनीति के लिए सोमवार को IMA भवन पर एक बड़ी बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें कई वरिष्ठ चिकित्सक शामिल होंगे।