आगरा की महिला पहलवान श्वेता पारस का SAI में हुआ चयन, कुश्ती प्रेमियों ने जताया हर्ष

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आगरा: कुश्ती में आगरा को अंतरराष्ट्रीय पटल पर अलग पहचान दिलाने और आगरा का नाम रोशन करने का सपना संजोकर कुश्ती के मैदान में उतरने वाली आगरा की श्वेता पारस आखिरकार स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया के रीजनल सेंटर लखनऊ पहुंच गई है और उसने यहां पर दाखिला भी ले लिया है। जहां वह अंतरराष्ट्रीय स्तर की पहलवानी की तकनीकियों को सीखेंगी और अपनी प्रतिभा को भी निखार सकेगी। वहां वह सबसे कम उम्र की महिला पहलवान हैं। देश के विभिन्न जनपदों से आईं महिला पहलवानों के साथ प्रशिक्षक के दिशा-निर्देशों में अभ्यास करेंगी। उम्मीदों से लबरेज श्वेता का कहना है कि आगरा की कुश्ती को अंतरराष्ट्रीय पटल पर पहचान दिलाने का उनका सपना है।

पिता से मिला है लड़ने का जज्बा

श्वेता पारस रहती है कि लड़ने का जज्बा उन्हें पिता से मिला है। पिता गरीब असहाय लोगों के साथ साथ बच्चों के हक के लिए लड़ते हैं तो उसने भी लड़ने को ही अपना कैरियर और सपना चुन लिया। इसलिए उसने कुश्ती खेल को चुना और आगरा के साथ-साथ भारत को कुश्ती में अंतरराष्ट्रीय पटेल पर पहचान दिलाने के लिए कवायद शुरू कर दी। पिता के मार्गदर्शन और सहयोग से आज उस साई (SAI) में भी एडमिशन मिल गया।

पुरुष पहलवानों के साथ की शुरुआत

श्वेता के पिता सामाजिक कार्यकर्ता नरेश पारस कहते हैं कि शुरुआत में श्वेता की कुश्ती को लेकर लोगों ने आलोचना की थी। कहा था कि यह मर्दों का खेल है लड़की नहीं खेल पाएगी। इसके हाथ-पैरों में चोट लग जाएगी तो जीवन बर्बाद हो जाएगा, लेकिन श्वेता ने इस चुनौती को स्वीकार किया और पुरुष पहलवानों के बीच कुश्ती सीखना शुरू किया। आठ महीनों के अभ्यास में ही उन्होंने जिले से लेकर राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं में छह गोल्ड मेडल झटक कर अपने इरादों को जता दिया कि यह तो अभी सिर्फ शुरुआत भर है, मंजिल तो अभी दूर है। श्वेता के प्रदर्शन से प्रभावित होकर स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के रीजनल सेंटर लखनऊ में प्रशिक्षण के लिए उनका चयन हो गया। नरेश पारस कहते हैं कि हमारी छोरी छोरों से कम नहीं है। बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए उत्सावर्धन की बहुत अधिक आवश्यकता है। श्वेता से प्रेरणा लेकर निश्चित ही अन्य लड़कियां कुश्ती के खेल में आगे आएंगी।

उन्होंने कहा कि लड़कों को काबिल बनाने के लिए हर कोई दूध, घी और बादाम खिलाता है लेकिन लड़कियों को पर कोई ध्यान नहीं देता है। नरेश पारस ने श्वेता को ड्राई फ्रूट्स खिलाने के साथ-साथ वह उसे अभ्यास कराने के लिए खुद हर रोज एकलव्य स्पोर्ट्स स्टेडियम ले जाते थे। पुरुषवादी सोच को बदलने का प्रयास किया।

कुश्ती प्रेमियों ने जताया हर्ष

श्वेता का चयन होने पर कुश्ती प्रेमियों में खुशी की लहर दौड़ गई। आगरा की कुश्ती को उम्मीदों के नए पंख मिल गए हैं। श्वेता के चयन पर जिला कुश्ती संघ के अध्यक्ष नितेश शर्मा, सचिव नेत्रपाल सिंह चाहर, प्रशिक्षक पुष्पेंद्र सिंह, एमडी खान, अजय चाहर, रवि चाहर एवं दुर्गेश बघेल ने हर्ष जताते हुए कहा है कि श्वेता निश्चित तौर पर पूरे देश में कुश्ती के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आगरा का नाम रोशन करेगी। इससे शहर वासियों को बहुत उम्मीदें हैं।


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