‘स्कैम 1992’ और ‘स्कैम 2003’ की जबरदस्त सफलता के बाद अब दिग्गज डायरेक्टर हंसल मेहता सीरीज के तीसरे सीजन के साथ तैयार हैं। इस बार वह OTT की दुनिया में सुब्रत रॉय की कहानी लेकर आए हैं। उन्होंने गुरुवार, ‘स्कैम’ के नए सीजन ‘स्कैम 2010: द सुब्रत रॉय सागा’ का ऐलान कर दिया है। हंसल मेहता ने एक टाइटर टीजर शेयर करते हुए लिखा है, ‘Sc3m वापस आ गया है! स्कैम 2010: द सुब्रत रॉय सागा, जल्द ही सोनी लिव पर आ रहा है।’ दिलचस्प है कि इस सीजन का डायरेक्शन भी हंसल मेहता खुद ही करने वाले हैं।
सुब्रत रॉय देश की उन शख्सियतों में से हैं, जो 90 के दशक में भारत के सबसे मशहूर बिजनसमैन कहे जा सकते हैं। वह सहारा समूह के के संस्थापक थे। यह वह दौर था जब सहारा का कारोबार चिटफंड से लेकर हवाई जहाज और टीम इंडिया की स्पॉन्सरशिप से लेकर न्यूज मीडिया तक फैला हुआ था। हालांकि, सहारा श्री के नाम से मशहूर सुब्रत रॉय को तब बड़ा झटका लगा जब निवेशकों से धोखाधड़ी के कारण उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
कहां गए गरीब लोगों के 10 हजार करोड़ रुपये?
साल 2014 में 10,000 करोड़ रुपये की बकाया राशि नहीं चुकाने के कारण सुब्रत रॉय को जेल में डाल दिया गया। वह दो साल से अधिक समय तक जेल में रहे और 2016 में पैरोल पर बाहर आए। हालांकि, इसके बाद उन्हें फिर से जेल जाना पड़ा, क्योंकि नियामक संस्था सेबी ने सुप्रीम कोर्ट से पैरोल रद्द करने की मांग की थी। बीते साल नवंबर 2023 में कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट से 75 वर्ष की उम्र में सुब्रत रॉय का निधन हो गया।
पहले आ चुकी है ‘स्कैम 1992’ और ‘स्कैम 2003’
OTT की दुनिया में बेहद पॉपुलर ‘स्कैम फ्रैंचाइजी’ का यह तीसरा सीजन होगा। पहले सीजन ‘स्कैम 1992’ में हर्षद मेहता की कहानी दिखाई गई थी। साल 2020 में यह उस साल की सबसे बड़ी हिट सीरीज थी। इसमें प्रतीक गांधी ने लीड रोल प्ले किया था। इस किरदार ने प्रतीक को रातों-रात स्टार बना दिया। सीरीज के दूसरे सीजन में स्टाम्प पेपर घोटाले की कहानी दिखाई गई। ‘स्कैम 2003’ सीरीज अब्दुल करीम तेलगी की कहानी पर आधारित है, जिसका निर्देशन जय मेहता ने किया था।
कौन थे सुब्रत रॉय कौन थे, क्या है सहारा श्री की कहानी
बिहार के अररिया जिले में 10 जून 1948 को पैदा हुए सुब्रत रॉय ने गोरखपुर के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की थी। साल 1978 में उन्होंने उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में महज 2,000 रुपये के साथ अपना बिजनस शुरू किया। धीरे-धीरे उन्होंने देश के सबसे बड़े चिटफंड कारोबार और सहारा साम्राज्य की स्थापना की। वह गोरखपुर से लखनऊ पहुंच गए। उन्होंने अपने चिटफंड योजना में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों से लाखों रुपये जमा किए। ये वो लोग थे, जिन्हें बैंकिंग के बारे में बहुत जानकारी नहीं थी। सुब्रत रॉय एक तय समय सीमा में इस पैसे को कई गुना लाभ के साथ लौटाने का वादा करते थे।
2010 में SEBI ने की जांच तो उड़ गए होश
बाजार नियामक भारतीय सुरक्षा और विनिमय ब्यूरो (सेबी) ने साल 2010 में सुब्रत रॉय के खिलाफ जांच की। पाया गया कि उन्होंने तीन करोड़ लोगों से 24,000 करोड़ रुपये से अधिक जमा किए थे।
भारतीय रेलवे के बाद सबसे अधिक रोजगार देने वाले सुब्रत रॉय के सहारा ग्रुप के साम्राज्य का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि साल 2004 में, ‘टाइम मैगजीन ने उन्हें भारतीय रेलवे के बाद सबसे अधिक नौकरी देने वाला बताया। यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के करीबी रहे सुब्रत रॉय का बिजनस 1990 के दशक के आसमान छूता था। यह इस हद तक था कि 2004 में जब उन्होंने अपने बेटे की शादी की, तो अमिताभ बच्चन जैसे लोग भी बारात में शामिल थे।
-एजेंसी
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