विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को मिजोरम के आइजोल में भाजपा का घोषणापत्र जारी किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि मोदी सरकार देश की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने और मुक्त आवाजाही व्यवस्था (FMR) को समाप्त करने का फैसला किया है।
देश की सुरक्षा के लिए बरत रहे सावधानियांः विदेश मंत्री
पत्रकारों से बात करते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि हमारे देश की सुरक्षा, मिजोरम सहित हमारे राज्यों की सुरक्षा के लिए हमें कुछ सावधानियां बरतने की जरूरत है। हालांकि, फिलहाल हम जो सावधानियां बरत रहे हैं, वह एक निश्चित स्थिति के जवाब में है। उन्होंने आगे कहा कि हमारा पड़ोसी अभी एक गंभीर संकट के दौर से गुजर रहा है।
2021 में हुआ था सैन्य तख्तापलट
मालूम हो कि म्यांमार में फरवरी 2021 में सैन्य तख्तापलट हुआ था, तब से लेकर अब तक यह देश गंभीर संकट का सामना कर रहा है। तख्तापलट होने के बाद से ही म्यांमार के हजारों लोगों ने विभिन्न उत्तर-पूर्वी राज्यों, खासकर मिजोरम में शरण ली है।
सावधानी बरतने की जरूरतः जयशंकर
विदेश मंत्री जयशंकर ने इस दौरान कहा कि केंद्र सरकार लोगों के हितों, परंपराओं, रीति-रिवाजों और सीमा पार रिश्तों के प्रति बहुत संवेदनशील है। भारत-म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने और मुक्त आवाजाही व्यवस्था खत्म करने के बारे में उन्होंने कहा कि फिलहाल यह महत्वपूर्ण है कि हम सावधानी बरतें। हम चाहते हैं कि लोग समझें कि यह आज की स्थिति की प्रतिक्रिया है।
FMR के तहत मिलती है यह अनुमति
मालूम हो कि मुक्त आवाजाही व्यवस्था भारत-म्यांमार सीमा के करीब रहने वाले लोगों को बिना वीजा के एक-दूसरे के क्षेत्र में 16 किमी तक जाने की अनुमति देता है। भारत म्यांमार के साथ 1,643 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है और विशेष रूप से मिजोरम, पड़ोसी देश के साथ 510 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है।
-एजेंसी
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