आजकल ‘साइबर किडनैपिंग’ शब्द काफ़ी चर्चा में है। हाल ही में अमेरिका के यूटा शहर में 17 साल के एक चीनी बच्चे की नक़ली किडनैपिंग हुई। इंटरनेट की मदद से अपराधी ने बच्चे की जानकारी जुटाई। उसे फोन करके किसी बर्फीली पहाड़ी पर जाकर रहने के लिए कहा और बात न मानने पर उसके माता-पिता को जान से मारने की धमकी भी दी। इस डर से बच्चा वहां जाकर रहने लगा।
अपराधी ने बच्चे के परिजनों को फोन किया और कहा कि उनका बेटा अपहरण हो गया है। उनसे लगभग 70 लाख रुपये की फिरौती भी मांगी। जांच-पड़ताल के बाद बच्चा सही-सलामत मिल गया। उसका कोई अपहरण नहीं हुआ था।
क्या है साइबर किडनैपिंग
अन्य ऑनलाइन ठगी की तरह साइबर किडनैपिंग भी सायबर क्राइम का एक तरीक़ा है। इसमें अपराधी इंटरनेट की मदद से व्यक्ति की सारी जानकारी इकट्ठी करता है और फिर उसे कॉल करता है। वह व्यक्ति को धमकाकर, डराकर और परिजनों को नुक़सान पहुंचाने का हवाला देकर उसकी बताई हुई जगह पर जाने के लिए कहता है।
वीडियो कॉल या फोटो मांगकर उस पर नज़र रखता है। वहीं दूसरी तरफ़ व्यक्ति के घर पर फोन करके और नक़ली तस्वीरें या वीडियो भेजकर उसके अपहरण का दावा करता है जबकि असल में अपहरण होता ही नहीं है।
कुछ अपराधी पीड़ित व्यक्ति की नक़ली तस्वीर, आवाज़ या वीडियो बनाने के लिए एआई का सहारा ले रहे हैं। अपराधी किसी को भी अपना शिकार बना सकते हैं। लेकिन वो लोग या छात्र अधिक जोखिम में हैं जो परिवार से दूर अन्य राज्य या देश में रहते हैं।
सोशल मीडिया का सावधानी से इस्तेमाल
सोशल मीडिया या मैसेंजर पर अपनी निजी जानकारी ध्यान से साझा करें। परिवार में कौन, कहां रहता है या दिनचर्या क्या है, इसे साझा करने के बचें। कई लोग घर जाने के बाद सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं कि वे कितने दिनों बाद अपने घर-शहर आए हैं। कई लोग अपने प्लानर की तस्वीर भी साझा करते हैं, जिसमें कई ऐसी जानकारियां या दिनचर्या लिखी हो सकती हैं जिन पर अपराधी की नज़र जा सकती है। किसी भी लिंक पर क्लिक करने से बचें। मोबाइल का सॉफ्टवेयर अपडेटेड रखें। मज़बूत पासवर्ड रखें। इनकी मदद से भी ठग आप तक पहुंच सकता है।
परिवार और ख़ुद को ऐसे सुरक्षित रखें
पहले सबूत जुटाएं…
ठग से सबूत के तौर पर पीड़ित से बात कराने के लिए कहें। अगर वो किसी और व्यक्ति को पीड़ित बनाकर बात कराए तो उससे निजी सवाल के जवाब मांग सकते हैं। सवाल ऐसे होने चाहिए जिनका जवाब केवल पीड़ित और आप जानते हों, जैसे कि कोई यादगार लम्हा या हास्य पल आदि। अगर बात करने से वो इंकार करता है तो उसे सवाल पूछने के लिए कहें।
समझदारी से काम लें…
अपराधी की आवाज़ ध्यान से सुनें। उसके बोलने के तरीक़े और पीछे से आने वाली आवाज़ पर ध्यान दें। इससे अपराधी तक पहुंचने में मदद मिल सकेगी। अगर हो सके तो उसी वक़्त दूसरे फोन से पीड़ित से संपर्क करें। उसकी सुरक्षा सुनिश्चित होते ही पता लग जाएगा कि फोन ठगी के लिए है।
मदद ज़रूर लें…
इस तरह के फोन आने पर घबराएं नहीं। उसके कहने पर फौरन कोई फ़ैसला लेने से बचें। ठग कुछ भी करने के लिए कहता है तो उस समय उसको हां कह दें ताकि उसे लगे कि आप उसकी बात मान रहे हैं। लेकन उसके बाद पुलिस और साइबर सेल की मदद लें।
परिवार को बताएं…
अगर साइबर किडनैपिंग का शिकार बनाने की मंशा से ठग कॉल करता है तो फौरन इसकी जानकारी परिवार को दें ताकि वे भी सचेत हो जाएं। सबूत के लिए ठग की कॉल रिकॉर्ड करें या मैसेज का स्क्रीनशॉर्ट ले लें।
-एजेंसी
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