सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री और लखीमपुर खीरी के सांसद अजय मिश्रा टेनी को 24 साल पुराने हत्या के एक मामले में बरी किए जाने के फ़ैसले को बरक़रार रखा है.
जस्टिस बेला त्रिवेदी और जस्टिस पंकज गुप्ता की दो सदस्यीय पीठ ने अपने फ़ैसले में कहा कि उन्हें ट्रायल कोर्ट और इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के निर्णय में दख़ल देने की वजह नहीं दिखती.
समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, 8 जनवरी को लिखे गए अपने फ़ैसले में सुप्रीम कोर्ट ने लिखा, “याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए सीनियर वकील कपिल सिब्बल को सुना, लेकिन हम दोनों अदालतों के निष्कर्षों को बदलने के इच्छुक नहीं हैं.”
यह मामला 2000 में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में प्रभात गुप्ता की हत्या का है. इस हत्या के आरोप में अजय मिश्र टेनी पर मामला दर्ज किया गया था.
लेकिन 2004 में ट्रायल कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था. उस फ़ैसले को राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी.
पिछले साल मई में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने अपने आदेश में कहा कि उन्हें निचली अदालत के फ़ैसले में कोई कमी नज़र नहीं आती.
-एजेंसी
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