मध्य प्रदेश में कोई भी हुक्का बार का संचालन नहीं करेगा। इस प्रविधान का यदि उल्लंघन किया जाता है तो तीन वर्ष तक का कारावास और एक लाख रुपये तक का अर्थदंड लगाया जाएगा। हुक्का बार की सामग्री या वस्तु जब्त करने का अधिकार पुलिस उप निरीक्षक स्तर के अधिकारी को होगा।
शिवराज सरकार में हुआ था यह
शिवराज सरकार ने प्रदेश में अवैध रूप से चलाए जा रहे हुक्का बार को प्रतिबंधित करने के लिए सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य, उत्पादन, प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम में संशोधन का विधेयक प्रस्तुत किया था। दरअसल, हुक्का बार नशा और आपराधिक गतिविधियों के केंद्र बन रहे थे लेकिन इन्हें बंद करने का कोई स्पष्ट प्रविधान नहीं था।
न्यायालय चले जाते थे संचालक
इसके कारण जब भी पुलिस कार्रवाई करती थी तो संचालक न्यायालय चले जाते थे और उन्हें स्थगन भी मिल जाता था। इसे देखते हुए गृह विभाग ने गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के प्रविधानों का अध्ययन कर अधिनियम में संशोधन किया है, जिसे राष्ट्रपति की अनुमति मिलने के बाद लागू कर दिया है।
अब किया गया यह प्रविधान
इसमें प्रविधान किया गया है कि ऐसा स्थान जहां लोग सामुदायिक हुक्का या नारगिल से तंबाकू या अन्य समरूप उत्पादों से धूम्रपान करने के लिए एकल या संयुक्त रूप से उपलब्ध कराया जाता है, पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगे। न तो कोई व्यक्ति हुक्का बार खोलेगा और न ही संचालित करेगा। इसका उल्लंघन करने पर तीन वर्ष तक का कारावास और एक लाख रुपये तक का अर्थदंड लगाया जाएगा। कारावास की सजा एक साल से कम और अर्थदंड 50 हजार रुपये से कम नहीं होगा। हुक्का बार की सामग्री या वस्तु जब्त करने का अधिकार पुलिस उप निरीक्षक स्तर के अधिकारी को होगा।
-एजेंसी
Discover more from Up18 News
Subscribe to get the latest posts sent to your email.