उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने एक सांसद की ओर से उनकी मिमिक्री करने के बाद खुद को पीड़ित बताया है। उन्होंने कहा कि एक पीड़ित जानता है कि उसे क्या सहना पड़ता है। उसे सभी का सामना करना है, हर किसी से अपमान सहना है। फिर भी एक ही दिशा में बढ़ते रहना है, जो रास्ता भारत माता की सेवा की ओर जाता है।
उन्होंने कहा कि अपमान सहने के बावजूद किसी को सेवा के मार्ग से हटना नहीं चाहिए। हमें दूसरों के प्वाइंट ऑफ व्यू पर ध्यान देना चाहिए, लेकिन जब उनके व्यू आपको रास्ते से हटाने के लिए हों तो लोगों को अपनी रीढ़ की हड्डी की ताकत दिखानी चाहिए।
उपराष्ट्रपति रविवार को अपने आवास पर इंडियन स्टेटिस्टिकल सर्विस (ISS) प्रोबेशनर्स के बैच को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि भारत माता की सेवा करने के लिए आपको लोगों से आलोचना सहना भी सीखना होगा। मैं एक संवैधानिक पद पर हूं, इसके बावजूद लोग मुझे नहीं बख्शते।
क्या इससे मेरी मानसिकता बदलनी चाहिए? क्या इससे मुझे अपने रास्ते से भटक जाना चाहिए, नहीं। हमें हमेशा धर्म के रास्ते पर आगे बढ़ते रहना चाहिए। हम पर सवाल उठाने वाले लोग पुराने आलोचक हैं, जिन लोगों का पाचन तंत्र हमारे विकास के लिए खराब है, उनसे कभी डरना नहीं चाहिए।
-एजेंसी