पिछले एक महीने में चीन में आश्चर्जनक रूप से निमोनिया के मामलों में वृद्धि देखी गई। माइकोप्लाज्मा निमोनिया, नामक इस रोग से सबसे ज्यादा बच्चे प्रभावित हुए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अस्पतालों के आपातकालीन विभाग में निमोनिया और श्वसन संक्रमण की शिकायत के साथ मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। अधिकारियों ने सभी लोगों को अलर्ट रहने और सुरक्षात्मक उपाय करते रहने की सलाह दी है।
चीन में अचानक बढ़े संक्रामक H9N2 के मामलों पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) गंभीरता से नजर बनाए हुए है। डब्ल्यूएचओ ने अधिकारियों से लगातार स्थिति की जानकारी देते रहने और देश में बढ़ते संक्रामक रोग की रोकथाम के लिए प्रयास करते रहने की सलाह दी है। विशेषज्ञों का कहना है कि चीन के साथ अन्य देशों को भी अलर्ट पर रहने की आवश्यकता है।
इस बीच कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि माइकोप्लाज्मा निमोनिया के मामले भारत में भी रिपोर्ट किए जा रहे हैं।
सरकार ने दावों को किया खारिज़
चीन में निमोनिया के मामलों में हालिया वृद्धि के साथ भारत में भी इसके रोगजनकों की पुष्टि को लेकर रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है।
हालांकि इसे पूरी तरह से खारिज करते हुए गुरुवार (7 दिसंबर) को भारत सरकार ने स्पष्ट कहा है कि इस तरह की मीडिया रिपोर्ट्स भ्रामक और गलत हैं। पीआईबी ने विज्ञप्ति जारी कर कहा- दिल्ली एम्स में बैक्टीरियल संक्रमण के कुछ मामलों को चीन में निमोनिया से जोड़कर किए जा रहे दावे गलत हैं।
माइकोप्लाज्मा निमोनिया, निमोनिया के सबसे आम प्रकारों में से एक है। एम्स दिल्ली में निमोनिया के मामलों का चीन के बच्चों में रिपोर्ट किए गए श्वसन संक्रमण से कोई संबंध नहीं है। भारत सरकार यहां अलर्ट है और सुरक्षा के सभी उपायों का गंभीरता से पालन किया जा रहा है।
– एजेंसी
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