अल्जाइमर का शिकार बना सकता है बढ़ता हुआ मोटापा, जानिए लक्षण

Health

जर्नल ऑफ एजिड एंड डिजीज में प्रकाशित रिसर्च के मुताबिक, 40-50 साल की उम्र में बड़ी हुई तोंद अल्जाइमर के रिस्क को बढ़ाती है. अल्जाइमर भूलने की एक बीमारी है जिसमें इंसान को रोजाना की चीजें याद रखने में भी मुश्किल होती है. इससे उसे अपने दैनिक कार्य करने में भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है. अल्जाइमर बीमारी बुजुर्गों में ज्यादा देखी जाती है और 60 साल की उम्र के बाद इसके केस अधिक आते हैं. इस बीमारी से पीड़ित इंसान हमेशा एक भ्रम की स्थिति में रहता है. बढ़ती उम्र के साथ इस डिजीज के लक्षणों में भी इजाफा होता रहता है और गभीर स्थिति में व्यक्ति अपने दैनिक काम तक भूल सकता है.

क्या कहती है रिसर्च

इस रिसर्च में मस्तिष्क की कार्यप्रणाली और पेट पर बढ़ रहे फैट के बीच गहरा संबंध पाया गया है. रिसर्च में कहा गया है कि जैसे-जैसे पेट का आकार बड़ा होता जाता है वैसे-वैसे मस्तिष्क में मौजूद मेमोरी सेंटर छोटा होता जाता है. यानी पेट की चर्बी बढ़ने से ब्रेन के फंक्शन पर असर पड़ सकता है. इस कारण न्यूरोलॉजिकल समस्याएं होती हैं जो बाद में अल्जाइमर बीमारी का कारण बन सकती है.

ऐसे में अगर आपकी उम्र 40 और 50 के बीच है और पेट पर फैट बढ़ रहा है तो इसके हल्के में न लें और इसको कम करने की कोशिश करें. अगर आपको अल्जाइमर के लक्षण दिख रहे हैं तो तुरंत न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर से संपर्क करें. इस मामले में लापरवाही न करें.

अल्जाइमर के लक्षण क्या हैं?

– अपनी बात समझाने के लिए सही शब्द ढूंढने में परेशानी होना
– अपनी चीजों को कहीं रखकर भूल जाना या खो देना
– किसी बात की योजना या विचार बनाने में परेशानी होना
– समस्या सुलझाने में परेशानी होना
– अपने दैनिक कार्य पूरा करने में समय लगना
– परिचित व्यक्ति को पहचानने में भी मुश्किल होना

– एजेंसी


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