आगरा: शादी खुशियां लेकर आती है लेकिन जब शादी किसी गलत इरादे से की जाए तो किसी एक के लिए नासूर बन जाती है। ऐसा ही कुछ एयरफोर्स में कुक की नौकरी करने वाले युवक के साथ हुआ है। युवक ने रीतिरिवाजों से शादी की तो उसे लगा कि अब उसकी जिंदगी और बेहतर हो जाएगी लेकिन उसकी शादी ही उसके लिए नासूर बन गई। शादी के दूसरे दिन ही पत्नी घर से चली गई। इसके बाद उसकी संपत्ति हड़पने के लिए फर्जी केस दर्ज करा दिए। पत्नी के इन मनगढंत आरोपों में फंसकर कई सालों तक वो अदालतों के चक्कर काटता रहा लेकिन 13 साल बाद आखिरकार उसको न्याय मिला। 13 साल बाद न्यायालय से उसे इंसाफ मिला और वो बेकसूर साबित हुआ। कोर्ट से न्याय मिला तो उसकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा है।
2006 में हुई थी शादी:-
मूलरुप से अलीगढ़ का रहने वाले त्रिलोक सिंह उर्फ शैन्टू कानपुर में एयरफोर्स में कुक हैं। त्रिलोक की शादी 2006 में रश्मि निवासी आगरा के साथ हुई थी। त्रिलोक सिंह ने बताया कि शादी के दूसरे ही दिन उसकी पत्नी रश्मि अपने सुसराल चली गई। इसके बाद वह लौटकर नहीं आई। उसकी पत्नी ने अगले दिन उसे फोन कर पैसे की डिमांड कर डाली। वह समझ गया था कि वह बड़ी मुसीबत में फंस गया है। डिमांड पूरी नही हुई तो पत्नी ने उस पर झूठे केस लगवा दिए।
13 साल तक लगाता रहा कोर्ट के चक्कर
पीड़ित ने बताया कि पत्नी ने आगरा में उसके खिलाफ संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज करा दिया। 13 साल से वो कानपुर से आगरा लगातार कोर्ट की तारीखें करता रहा लेकिन अब 13 साल बाद उसे इंसाफ मिल पाया इसके लिए अधिवक्ता नीरज पाठक का धन्यवाद है जिनकी पैरवी के चलते उन्हें इंसाफ मिल पाया।
पीड़ित को फंसाने की थी पूरी साजिश:-
इस केस की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज पाठक ने बताया कि पीड़ित पक्ष को फंसाने के लिए उसके ससुरालीजनों ने सजिश रची था। घटना में दिखाया गया था कि एक कार के भीतर डंंडों से पीटा गया है। दुपट्टे से गला घोंटा गया है। इसके अलावा इस घटना में 7 लोगों को प्रत्यक्षदर्शी भी बताया गया, लेकिन जब अदालत में सुनवाई हुई तो उनका झूठ पकड़ा गया। एक कार में लाठी डंडे कैसे चल सकते है। न्यायधीश ने पूरे मामले को सुना और फिर अपना फैसला दिया जो पीड़ित के पक्ष में आया। कोर्ट ने पीड़ित पक्ष को बरी कर दिया है।