अपने 5-5 फीसदी इक्विटी शेयर दान करेंगे MOSFL के दोनों प्रमोटर

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वॉरेन बफेट के कदमों पर चलने का फैसला

इस घोषणा के साथ मोतीलाल ओसवाल और रामदेव अग्रवाल ने वॉरेन बफेट के कदम पर चलने का फैसला किया है। इससे पहले वॉरेन बफेट ने पांच फाउंडेशनों को फिर से दान दिया था, जिससे उनका कुल धर्मार्थ दान 50 अरब डॉलर से अधिक हो गया था जो 2006 में उनकी कुल संपत्ति से काफी अधिक था।

बड़े संघर्ष से पहुंचे मुकाम पर

पश्चिम राजस्थान के एक गांव के मूल निवासी मोतीलाल ओसवाल कच्ची छत के नीचे लालटेन में पढ़ाई कर आगे बढ़े। बाद में मुंबई आकर उन्होंने कड़े संघर्षों के बीच सीए की उच्च शिक्षा हासिल की। मोतीलाल ने अपने दोस्त रामदेव अग्रवाल के साथ मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की स्थापना की। ‘नॉलेज फर्स्ट’ की थीम को हमेशा आगे रखने वाले मोतीलाल ने किसानों को शिक्षित कर उनकी आय बढ़ाने के उद्देश्य से महाराष्ट्र में ‘क्रिशकुल’ की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दिया।

ओसवाल और अग्रवाल ने कही यह बात

मोतीलाल ओसवाल कहते हैं, ‘जिन स्कूल और कॉलेज में मैंने पढ़ाई की और जिस हॉस्टल में रहा, उन्हें कितने ही दानदाताओं ने बनाया होगा। मेरी सफलता में सबका आशीर्वाद शामिल है। मैं इसके लिए कृतज्ञ हूं। यह मेरा सोसायटी को वापस करने का विनम्र प्रयास है।’ वहीं, रामदेव अग्रवाल ने कहा, ‘देने में जो आनंद है, उसको शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। मैं तो अभी देना सीख रहा हूं। यह शेयर इक्विटी आगे जाकर खूब बढ़ेगी और यह सिलसिला जारी रहेगा। RVG में जाकर परमार्थ से बदलाव देखता हूं, तो बहुत खुशी होती है।’

Compiled: up18 News


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