नाटकीय तख्तापलट के बाद जनरल अब्दुर्रहमान त्चियानी ने खुद को नीजेर का नेता घोषित किया

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नीज़ेर, अफ़्रीका के साहेल क्षेत्र में गिने-चुने लोकतांत्रिक देशों में से एक था. अब अपने पड़ोसी देशों की तरह वहां भी सत्ता पर फौज क़ाबिज़ हो गई है. पश्चिम में माली से लेकर पूरब में सूडान तक अफ्रीका के एक बड़े इलाक़े में अब हुकूमत फौजी जनरलों के हाथों में है.

नीजेर फ्रांस का उपनिवेश रह चुका है. वहां यूरेनियम के प्रचुर भंडार मौजूद हैं. नीजेर में फ्रांस और अमेरिका ने फौजी अड्डे बनाए हुए हैं.

वहां जैसे ही सैनिकों ने तख़्तापलट का एलान किया तो फ्रांस और अमेरिका ने इसकी कड़ी आलोचना की.
पश्चिमी देशों को इस बात की फ़िक्र सता रही है कि नई हुकूमत के आने पर नीजेर कहीं उनसे दूर होकर रूस के पाले में न चला जाए.

अगर नीजेर ऐसा करता है तो वो भी उसी रास्ते पर चल रहा होगा जिसे उसके दो पड़ोसी देश बुर्किना फासो और माली ने अपनाया है. अपने यहां फौजी तख़्तापलट के बाद दोनों ही देशों ने रूस से नज़दीकी बढ़ा ली है.

Compiled: up18 News


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