मणिपुर के मुद्दे पर विपक्षी दलों की ओर से हंगामा शुक्रवार को भी जारी रहा. विपक्षी दलों के सांसद हाथों में इंडिया फोर मणिपुर के पर्चे लहराते हुए सदन में नज़र आए. ये हंगामा इतना बढ़ा कि पहले राज्यसभा को सोमवार तक के लिए स्थगित किया गया, फिर कुछ देर बाद ही लोकसभा को भी सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ की ओर से ये मांग की जा रही है कि मणिपुर के मुद्दे पर पीएम मोदी संसद के दोनों सदनों में आकर बयान दें.
सत्तारूढ़ बीजेपी के सांसदों का कहना है कि सरकार मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है मगर साथ में राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल में औरतों के ख़िलाफ़ अपराध के मामलों पर भी बात हो.
राघव चड्ढा ने कहा, सदन में अब कोई बिल पेश नहीं किया जा सकता
संसद के मॉनसून सत्र में मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है.
आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा ने कहा है कि लोकसभा स्पीकर की ओर से अविश्वास प्रस्ताव को स्वीकार कर लेने के बाद सदन में कोई बिल पेश नहीं किया जाता है लेकिन देखा जा रहा है कि इसके बाद भी कई बिल पेश और पारित कराए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा, ”मैं स्पीकर से अपील करता हूं कि अविश्वास प्रस्ताव स्वीकार कर लिए जाने के बाद कोई विधायी कार्य न हो.”
राघव चड्ढा ने कहा कि विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ का एक शिष्टमंडल जल्द ही मणिपुर का दौर करेगा. उन्होंने कहा,”हम मणिपुर के लोगों की मदद के लिए तैयार हैं और उनके साथ खड़े हैं.”
चड्ढा ने कहा,”मणिपुर के वायरल वीडियो का केस 85 दिनों के बाद सीबीआई को सौंपा जा रहा है. मेरे ख्याल से ये काफी देर से उठाया गया कदम है.”
मणिपुर के मामले में पिछले कुछ दिनों से संसद के मौजूदा सत्र में गतिरोध चल रहा है. विपक्ष प्रधानमंत्री से मणिपुर मामले में संसद में आकर बयान देने की मांग कर रहा है.
26 दलों के विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने मोदी सरकार के ख़िलाफ़ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया है जिसे लोकसभा की मंजूरी मिल गई है. हालांकि इस पर अभी बहस की तारीख तय नहीं हुई है.
Compiled: up18 News
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