देश में कॉमन सिविल कोड UCC लागू किए जाने की कवायद एक बार फिर जोर शोर से चल रही है। भारत के विधि आयोग ने भी देश के तमाम धार्मिक संगठनों से समान नागरिक संहिता को लेकर 30 दिनों के अंदर सुझाव आमंत्रित किए हैं। इसी बीच राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का ‘थिंक टैंक‘ समान नागरिक संहिता के ड्राफ्ट पर मंथन करने के लिए मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में जमा होगा।
इस महत्वपूर्ण बैठक में आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले, सह सरकार्यवाह अरुण कुमार और सुरेश सोनी के अलावा देश भर के करीब 300 विषय विशेषज्ञ भी एकत्र होंगे। इस मौके पर संघ कुछ अन्य मुद्दों पर भी विचार विमर्श करेगा। यह पहला मौका है जब संघ ने इस महत्वपूर्ण मसले पर अपनी अंतिम राय बनाने के लिए भोपाल का चयन किया है। इसके लिए 30 जून से 2 जुलाई तक यहां संघ के अनुषांगिक संगठन प्रज्ञा प्रवाह के तत्वावधान में देश भर के विशेषज्ञ विचार मंथन करेंगे। इसी बीच समान नागरिक संहिता का अंतिम प्रारूप तैयार करने के लिए 22वें विधि आयोग ने जनसामान्य के साथ सार्वजनिक संस्थान और मान्यता प्राप्त धार्मिक संगठनों से 14 जुलाई तक सुझाव मांगे हैं।
यह भी संयोग ही है कि जी 20 के तहत सी-20 (सिविल ट्रैक) की बैठक भी इन्हीं तारीखों 1 और 2 जुलाई को इंदौर में बुलाई गई है। इसमें समाज से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पदाधिकारी और 100 से अधिक विदेशी मेहमान भी होंगे। सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद् के अध्यक्ष डॉ. विनय सहस़्त्रबुद्धे भी इस बैठक में मौजूद रहेंगे।
यह है समान नागरिक संहिता
समान नागरिक संहिता का मतलब सबके लिए एक कानून से है। इसके तहत सभी धार्मिक समुदायों पर विवाह, तलाक, विरासत, गोद लेने और रखरखाव जैसे मसलों पर एक जैसा कानून लागू होगा। देश में सभी नागरिकों के लिए एक समान आपराधिक संहिता तो है, लेकिन समान नागरिक कानून नहीं है।
Compiled: up18 News