जबलपुर में ISIS नेटवर्क, एडवोकेट ए उस्मानी के घर NIA की छापेमारी

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छापेमारी में एजेंसी को जो सुबूत म‍िले उनसे गहरी साज‍िश का पता चला है क‍ि पाकिस्तान के आईएसआईएस ने भारत में बड़ा नेटवर्क बनाते हुए साल 2050 तक भारत को इस्लामिक देश बनाने का टारगेट रखा है. इसके लिए उसने मध्य प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश के अन्य राज्यों और शहरों में अपने नेटवर्क का विस्तार किया है.

एनआईए और एटीएस की संयुक्त टीम द्वारा जबलपुर में एडवोकेट ए उस्मानी के घर पर छापेमारी में बड़ा खुलासा हुआ है. एनआईए को आईएसआईएस के नेटवर्क का पता चला है और साल 2025 तक पूरे देश को इस्लामिक स्टेट बनाने की साजिश रची जा रही थी.

एटीएस और एनआईए के अफसरों और पुलिस टीम ने इस मुस्लिम बहुल इलाके को पूरी तरह से घेर लिया था और पूरे इलाके को सील कर दिया था और उसके बाद लगातार छापेमारी की गयी थी. आरोपी पर विदेशी फंडिंग में लिप्त होने का भी आरोप है.

छापेमारी के दौरान अधिकारियों को कई अहम दस्तावेज और कागजात भी जब्त किये गये हैं और जो कागजात मिले हैं. उससे पाकिस्तानी संगठन आईएसआईएस की मौजूदगी का पता चलता है. खुफिया सूत्रों से मिली सूचना के अनुसार आईएसआईएस ग़ज़बाई हिन्द मुहिम के तहत जबलपुर में अपना नेटवर्क फैलाया था.

अधिवक्ता ए उस्मानी के बेटे ने संभाल रखी थी आईएसआईएस की कमान

प्राप्त जानकारी के अनुसार एएनआई ने जिस अधिवक्ता ए उस्मानी के घर पर छापेमारी की है. उसके बेटे ने आईएसआईएस की कमान संभाल रखी थी और साल 2050 तक भारत को इस्लामिक देश बनाने का टारगेट रखा गया था.

आला खुफिया अधिकारी के अनुसार अधिवक्ता ए उस्मानी के बेटे द्वारा जबलपुर में रहकर युवाओं को ट्रेनिंग दी जा रही थी. उन युवाओं को ब्रेनवॉश किया जाता था और इस्लामिक आंतकवाद और जिहाद की जानकारी दी जाती थी.

युवाओं को कुल तीन तीन स्टेज की ट्रेनिंग दी जाती थी. इसमें सोशल मीडिया के माध्यम व्टॉसऐप और फेसबुक जैसे माध्यम का भी इस्तेमाल किया जाता है. इसका संगठन का उद्देश्य था कि पहले समूह बनाकर युवाओं को अभियान से जोड़ा जाता था.

लव जिहाद को बढ़ावा देने और हिंदुओं लड़कियों को मुस्लिम बनाने का टारगेट

लव जिहाद बढ़ाने हिंदू लड़कियों को टारगेट किया जाता है. इसके लिए संगठन की ओर से अच्छा दिखने वाले युवाओं का चयन किया जाता था. ये युवक हिंदुओं लड़कियों को अपनी जाल में फंसाते थे और कुछ युवक हिंदू लड़कियों को गर्भवती कर उसे छोड़ भी देते थे.

एनआईए द्वारा हिरासत में लिए गये आरोपी आदिल और अन्य मुस्लिम युवकों के मोबाइल जब्त किये गये हैं. सभी के फोन में उनकी हिंदू गर्लफ्रेंड की तस्वीरें मिली हैं. मिली तस्वीरों और टेस्ट से यह पता चलता है कि अधिकतम जैन और ब्राह्मण समाज की युवतियो को फंसाया गया था. आदिल के कब्जे से प्रतिबंधित एसएलआर राइफल और कारतूस मिले हैं.

दिल्ली में दायर एक एफआईआर के बाद एनआईए की टीम ने टेरर फंडिंग और युवाओं को बरगलाने के मामले में यह जांच शुरू की थी और छापेमारी की थी, लेकिन छापेमारी के बाद जो बातें सामने आई है. उसने पूरे मामले को एक नया मोड़ दिया है.


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