NASA वैज्ञानिकों का दावा है कि उनके द्वारा तैयार किए गए स्नेक रोबोट अथवा केंचुएरोबोट ऐसे कई काम आसानी से कर सकता है जो बड़े से बड़े रोबोट नहीं कर पाते. यह एक सॉफ्ट रोबोट है, इसका लचीलापन ही इसे सबसे ज्यादा खास बनाता है. ये केंचुए की तरह ही जमीन पर चलता है और आसानी से मिट्टी खोदकर जमीन के अंदर भी जा सकता है. सांप की तरह बनने वाला रोबोट भी किसी भी क्षेत्र में हो रही रिसर्च में मदद कर सकता है.
सांप जैसा रोबोट केसे करेगा काम
शनि ग्रह के 83 चंद्रमा में से ही एक का नाम एन्सेलेडस है. इसे 1789 में खोजा गया था. इस पर जीवन की खोज के लिए NASA सांप जैसा रोबोट बना रहा है. जो जीवन के लिए जरूरी तत्वों को तलाशेगा. इसे नासा की जेट प्रोप्ल्शन लेबेरेट्री में तैयार किया गया है जो एन्सेलेडस पर जिंदगी के साक्ष्यों के बारे में पता लगाएगा. इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है ताकि ये किसी भी परिस्थिति में रिसर्च कर सके.
मशीनों से ज्यादा काम के रोबोट केंचुए
रोबोट केंचुए मशीनों से ज्यादा काम कर सकते हैं, स्वीडन की यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चरल की शोधकर्ता एल्सा के मुताबिक ये इतनी फ्लेक्सिबल होते हैं कि ये कहीं भी आ जा सकते हैं. ये कम जगह में भी मुड़कर दाखिल हो सकते हैं, इनमें रीढ़ की हड्डी नहीं होती. इसीलिए इटैलियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के शोधकर्ताओं का ये इनोवेशन बहुत काम आने वाला है.
करा सकते हैं ये काम
रोबोट केंचुए के अंदर एक जैल भरा होता है, ताकि यह आसानी से आगे-पीछे हो सके. इसका लंबाई तकरीबन 10 सेमी तक है. यह पूरी तरह से सेंसर से संचालित हो सकता है. अमेरिका में स्थित नोट्रे विश्विविद्यालय की इंजीनियर के मुताबिक ये केंचुए सुरंग खोदने के काम भी आ सकते हैं. इसके अलावा ये खनन भी कर सकते हैं.
स्पेस मिशन और आपदाओं में आ सकते हैं काम
रोबोट केंचुए स्पेश मिशन में भी काम आ सकते हैं, इन्हें किसी भी ग्रह की सतह पर छोड़कर आसानी से उसके नमूने लिए जा सकते हैं. इसके अलावा आपदा के समय मलबे के ढेर में किसी को ढूंढने के लिए भी ये बहुत फायदेमद साबित हो सकते हैं. कैमरा लगे होने की वजह से ये मलबे के अंदर जाकर भी उसमें दबे लोगों के बारे में जानकारी हासिल कर सकते हैं.
– एजेंसी