अमेरिका में गर्भपात का संवैधानिक अधिकार खत्म होने के बाद अब नो-फॉल्ट डिवोर्स को लेकर बहस छिड़ गई है. अमेरिका में इसे महिलाओं के अधिकार से जोड़ा जा रहा है.
अमेरिका के इसके कुछ हालिया मामले सामने आने के बाद इस पर चर्चा शुरू हो गई है. अमेरिका के एक समूह का मानना है इस तलाक से जुड़े कानून में बदलाव किया जाना चाहिए. कई दक्षिणपंथियों नो-फॉल्ट डिवोर्स को लेकर सवाल उठाए हैं. वहीं, दूसरे समूह का कहना है यह महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा करता है.
क्या होता है नो-फॉल्ट डिवोर्स, यह कैसे काम करता और कुछ अमेरिकी समूह इसे कानून के दायरे से बाहर क्यों रखना चाहते हैं
यह तलाक का एक प्रकार है. आमतौर पर होने वाले तलाक में किसी न किसी एक इंसान को शादी टूटने के लिए जिम्मेदार बताया जाता है. इसके पीछे कई तरह के कारणों का जिक्र होता है. जैसे- मारपीट, मानसिक उत्पीड़न. लेकिन नो-फॉल्ट डिवोर्स में ऐसा नहीं होता. इसमें अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए किसी तरह का सुबूत पेश करने की जरूरत नहीं होती.
नो-फॉल्ट डिवोर्स के मामले में कपल को मामला फाइल करते हुए बस यह कहना होता है कि हम अलग हो रहे हैं. अमेरिका में इस तरह के तलाक को कानूनी मान्यता मिली हुई है. 2010 अमेरिका के सभी राज्यों में इसके लागू कर दिया गया था.
इससे कितना कुछ बदल रहा है?
इस कानून के समर्थकों का कहना है कि यह तलाक महिलाओं को एक विकल्प देता है. जब से यह कानून बना है कि घरेलू हिंसा से तंग होकर सुसाइड करने वाली महिलाओं के आंकड़े में कमी आई है. इस फील्ड में रिसर्च करने वाले शोधकर्ताओं का कहना है कि इसकी वजह यह नहीं है कि अब महिलाएं प्रताड़ित करने वाले पुरुषों से आसानी से डिवोर्स फाइल ले सकेंगी बल्कि यह ऐसे लोगों के लिए सबक होगा कि वो उन्हें आसानी से छोड़ सकती हैं.
सीधे तौर पर इस डिवोर्स के कारण महिलाओं के अधिकारो में इजाफा होता और वो खुद को सुरक्षित रख पाती हैं. घरेलू हिंसा जैसी घटनाओं में कमी आएगी. इसका असर दिख भी रहा है.
क्यों हो रहा इसका विरोध?
अमेरिका में दक्षिणपंथियों का एक समूह कहता है कि इस तरह डिवोर्स के मामले बढ़ने पर शादी का महत्व खत्म हो जाएगा. वहीं, एक समूह का मानना है, शादी करना और फिर नो-फॉल्ट डिवोर्स लेने का तरीका महिलाओं की मानमानी करने का जरिया बन जाएगा.
इस समूह का कहना है कि इस तलाक के जरिए महिलाएं जब भी चाहेंगी डिवोर्स दे सकेंगी. उन्हें पूरी आजादी मिलेगी. इसकी आंड़ में कई महिलाएं इसका फायदा भी उठा सकेंगी. ऐसे में इसको लेकर कानून में बदलाव होना जरूरी है.
Compiled: up18 News