Agra News: 25 वर्ष बाद लगी एयर फोर्स स्कूल के विद्यार्थियों की मस्ती की पाठशाला, मिले बिछड़े दोस्त

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आगरा। एयरफोर्स स्कूल के 1998 बैच के विद्यार्थियों की आज 25 वर्ष बाद फिर से मस्ती की क्लास लगी। जिसमें देश विदेश में घर परिवार के साथ सैटेल हो चुके दोस्त 25 साल बाद मिले तो मानों बचपन लौट आया। पढ़ाई लिखाई के विपरीत क्लास में खूब शोर शराबा था। सीईओ, कर्नल, बैंक मैनेजर, डॉक्टर, इंजीनियर और बड़ी-बड़ी कम्पनियां चला रहे आज के परिपक्व लोग अपने अपने साथियों की टांग खिंचाई तो कभी टीचर्स की सजा और नकल करते नजर आए। तिवारी सर का तबियत हरी कर दूंगा… और कभी तुमने शनीचर देखा है, यह खड़ा है तुम्हारे सामने… जैसे डयलॉग भी गूंजे।

होटल जेपी पैलेस में आयोजित एल्यूमिनाई मीट में लगभग 82 विद्यार्थियों ने भाग लिया। कुछ विद्यार्थी अपने पुराने यारों के साथ ऑन लाइन जुड़े। प्रातः स्कूल पहुंचकर सभी विद्यार्थियों ने शिक्षकों से मुलाकात की। स्कूल की फील्ड से लेकर सजा मिलने वाली और मस्ती करने वाली जगह, अपना क्लास रूम जैसी हर जगह को मानों उन्हें बचपन में लौटा लाईं। कार्यक्रम का शुभारम्भ शिक्षकों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। सबी शिक्षकों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।

मनु अग्रवाल न्यूयार्क से कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचे, वहीँ इंडियन आर्मी में कर्नल मुनीश्वर पाठक छुट्टी लेकर। शायरी, गीत संगीत, डांस के साथ धमाकेदार मौजमस्ती करते हुए एक दूसरे के सुख दुख बांटे। मौजमस्ती के कुछ पल के बाद कार्यक्रम में जैसे ही शिक्षकों (डॉ. प्रतिमा गुप्ता, अर्चना शर्मा, अरुण यादव, मनीष मगन, प्रदीप यादव, रामू शर्मा, शशि वर्मा, विभा अरोरा, विनोद दुबे) ने प्रवेश किया। हर विद्यार्थी के हाथ उनके चरणों की ओर झुक गए। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ. मुकेश परमार, डॉ. निमिशा, जितेन्द्र, मनिन्दर कौर, गितिका दुबे, मुकेश आहूजा, विशाल गुप्ता, अनुराधा सिंह, श्वेता अग्रवाल, शिल्पी, रीना, अजय वर्मा, आशीष जैन, विशेष यादव आदि ने भाग लिया।

एक वर्ष लगा पुराने यारों को जोड़ने में

कार्यक्रम के आयोजक हिमांशु वार्ष्णेय (बैंगलोर) ने बताया कि एक वर्ष की कड़ी मेहनत के बाद सभी सातियों को इकट्ठा किया गया। इसमें मनु अग्रवाल (न्यूयार्क), विकास गोयल (आगरा), हर्ष कपूर (आगरा), स्मृति श्रीवास्तव (जयपुर), युक्ति कपूर (आगरा) की संयुक्त टीम ने काम किया। 1998 के बैच के सभी विद्यार्थियों ने स्कूल जाकर वर्तमान में विद्यार्थियों को गाइड करने व अन्य आवश्यक जरूरत के लिए योगदान देने के लिए भी आग्रह किया।

कार्यक्रम के दौरान किसी विद्यार्थी को शिक्षक के गाल पर पड़े थप्पड़ से कान में बजने वाले शंख तो किसी को शिक्षिका का मां जैसे दुलार याद आया। साथ बैठकर लंच टाइम में अचार के साथ आलू पराठा खाना और पीछे की सीट पर बैठकर मस्ती भरे उन स्कूल के दिनों को याद किया।


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