आगरा: बेटियों ने अपनी मेहनत और लगन से ऐसी ऊंचाइयों को छुआ कि उन्होंने समाज और अपने अभिभावकों के बेटे और बेटियों के बीच देखने का नजरिया ही पूरी तरह से बदल दिया है। अब बेटियां बेटों से किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है। शिक्षा का क्षेत्र हो प्रशासनिक नौकरियों का क्षेत्र या फिर खेलकूद, हर क्षेत्र में बेटियां बेटों से आगे हैं। इसीलिए तो एक होनहार बेटी का कहना है कि अब भारत को बेटों से ज्यादा बेटियों की जरूरत है। बेटियों के आगे आने से लेबर फोर्स पार्टिसिपेट बढ़ेगा और देश की उन्नति में बेटियों की भागीदारी बढ़ने से जीडीपी भी बढ़ेगी। यह कहना है यूपी पीएससी में परचम लहरा कर आगरा शहर का नाम रोशन करने वाली ऐश्वर्या दुबे का।
शुक्रवार को उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की ओर अंतिम चयन परिणाम जारी किए गए। इन परिणामों में आगरा की बेटियों ने परचम लहराया है। आगरा की दिव्या सिकरवार ने टॉप कर प्रथम स्थान प्राप्त किया तो वहीं मधु नगर निवासी ऐश्वर्या दुबे ने 9वीं रैंक हासिल की। यूपीपीएससी में परचम लहराने वाली ऐश्वर्या दुबे से मीडिया ने वार्ता की। उनकी सफलता का मंत्र जाना साथ ही समाज में बेटियों के प्रति कितना बदलाव आया है इस पर खुलकर चर्चा की।
भारत को अब बेटियों की है जरूरत
बेटी की सफलता के बाद पड़ोसी हो, रिश्तेदार या फिर सहपाठी सभी लोग ऐश्वर्या को इस उपलब्धि के लिए घर पहुंच कर बधाई दे रहे हैं तो वहीं फोन पर भी बधाइयों का दौर थम नहीं रहा है। मीडिया से वार्ता करते हुए ऐश्वर्या दुबे ने बताया कि आईएएस की तैयारी कर रही हैं लेकिन इसके साथ ही उन्होंने यूपीपीएससी का भी एग्जाम दिया था। उन्हें उम्मीद नहीं थी कि उनकी इतनी अच्छी रैंकिंग यूपीपीएससी में आएगी। 9 वी रैंक प्राप्त करके वह उत्साहित हैं तो परिवार में दुगनी खुशी है। उन्होंने कहा कि अब भारत को बेटू की नहीं बल्कि बेटियों की जरूरत है। अगर बेटियां आगे आएंगी तो लेबर फोर्स पार्टिसिपेशन बढ़ेगा और यह पार्टिसिपेशन 50 प्रतिशत तक हो जाएगा तो 9% जीडीपी बढ़ जाएगी यानी अब हर क्षेत्र में बेटी को आगे आना है।
ऐश्वर्या दुबे कहती है कि पहले समाज बेटियों को घर के अंदर रखता था, पर्दे में बहू में रहा करती थी लेकिन कुछ लोगों ने उनकी काबिलियत को जाना, परखा और उन्हें आगे बढ़ाया जिन्होंने सफलता के नए-नए आयाम को छुआ। उन्होंने अपनी मेहनत लगन से रूढ़िवादी समाज की सोच को बदला उसके नजरिए को बदला और उसके बाद बेटियां शिक्षित हुई। नतीजा देखिए आज बेटियां हर क्षेत्र में बेटों से आगे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि समाज की इस रूढ़िवादी प्रथा से उनका परिवार काफी और कोसों दूर रहा। उन्हें बेहतर शिक्षा दिलाई और उनकी मन मुताबिक लक्ष्य को पाने के लिए उनका पूरा सहयोग भी दिया। आज उन्हीं की सोच मेहनत और सहयोग का परिणाम है कि यूपीपीएससी में 9 वी रैंक हासिल की है।
जानकारी के मुताबिक ऐश्वर्या दुबे शुरू से ही मेधावी रही। उन्होंने सेंट क्लेयर्स से अपनी स्कूलिंग को पूरा किया और दयालबाग शिक्षण संस्थान से बीएससी एमएससी और बीटेक किया। 2019 से उन्होंने आईएएस की तैयारियां शुरू कर दी थी। कोविड-19 के दौरान भी सकारात्मक माहौल रहा। घर में सारी व्यवस्थाओं के साथ-साथ पढ़ाई का अच्छा माहौल भी मिला और उन्होंने लगभग 10 घंटे प्रतिदिन पढ़ाई कर अपने लक्ष्य को लगभग पूरा किया। उनका कहना है कि भले ही यूपीपीएससी में उन्होंने 9वी रैंक हासिल की हो लेकिन उनका सफर अभी रूका नहीं है। उन्हें आईएएस बनना है। एजुकेशन के साथ-साथ एंपावरमेंट के क्षेत्र में काम करना है जिससे बेटियों और उस समाज के लिए काम कर सकें जो अभी भी पिछड़ा है।
ऐश्वर्या दुबे ने कहा कि अगर आपको लक्ष्य हासिल करना है तो सोशल मीडिया से दूर रहना होगा। नेट सर्फिंग भी सिर्फ अपनी एजुकेशन के लिए कीजिए। अगर आप सोशल मीडिया के एडिक्ट हो जाएंगे तो आप अपने लक्ष्य को पूरा नहीं कर सकेंगे। उन्होंने भी लगभग 4 साल सोशल मीडिया से दूरी बनाई।
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