पश्चिम बंगाल के हुगली ज़िले के रिसड़ा इलाके में सोमवार रात फिर उपद्रव हुआ और बम फेंके गए. रविवार को रामनवमी के जुलूस पर पथराव के बाद हिंसा और आगज़नी हुई थी. असामाजिक तत्वों के उपद्रव के कारण तीन घंटे से भी ज़्यादा समय तक रेल सेवाएं ठप रहीं.
इस दौरान कई लोकल ट्रेनें रद्द कर दी गईं. लोकल ट्रेनें बंद होने के कारण हावड़ा से बर्धमान की ओर जाने वाले हज़ारों दैनिक यात्री भी मुसीबत में पड़ गए और उन्होंने स्टेशन पर विरोध प्रदर्शन किया.
पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि “सोमवार रात को रिसड़ा स्टेशन के बाद एक बार फिर उपद्रव शुरू हो गया. वहां असामाजिक तत्व बम फेंकने लगे. इससे आम लोगों में भारी आतंक फैल गया. बाद में मौके पर पहुंची पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस का इस्तेमाल किया. इस बवाल के कारण हावड़ा से अप और डाउन लाइनों में ट्रेनों की आवाजाही ठप हो गई.”
रिसड़ा स्टेशन पर ट्रेन में फंसे यात्रियों ने बताया कि उन लोगों ने डर के मारे कोच के दरवाजे और खिड़कियां भीतर से बंद कर लिये थे.
पूर्व रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कौशिक मित्रा ने बताया, “प्रदर्शनकारी रिसड़ा स्टेशन के पास चार नंबर रेल गेट को बंद नहीं करने दे रहे थे. गेट बंद नहीं होने कारण ट्रेन सेवाएं रोकनी पड़ी थीं. पुलिस-प्रशासन को भी इसकी सूचना दे दी गई थी. आख़िरकार रात एक बजे के बाद ट्रेनों की आवाजाही दोबारा शुरू हुई.”
चंदन नगर के पुलिस आयुक्त अमित जवालगी ने बताया कि अब हुगली में हालात नियंत्रण में है. घटना की जांच की जा रही है. इस मामले का रामनवमी के जुलूस के मुद्दे पर हुई हिंसा से कोई संबंध है या नहीं, पुलिस ने इस पर कोई टिप्पणी करने से इंकार कर दिया.
Compiled: up18 News
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