सोनीपत। ‘हलाल अर्थव्यवस्था, भारत के लिए आर्थिक संकट’ विषय पर कार्यक्रम का आयोजन विगत दिवस 27 मार्च को सोनीपत बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं हेतु किया गया।
कार्यक्रम में बताया गया कि मुसलमानों द्वारा प्रत्येक पदार्थ अथवा वस्तु इस्लाम के अनुसार वैध अर्थात हलाल होने की मांग की जा रही है। उसके लिए हलाल सर्टिफिकेट (प्रमाणपत्र) लेना अनिवार्य किया गया। इसके द्वारा इस्लामी अर्थव्यवस्था अर्थात हलाल इकॉनॉमी को धर्म का आधार होते हुए भी बहुत ही चतुराई के साथ निधर्मी भारत में लागू किया गया।
इस संदर्भ में वक्ताओं ने कहा कि हिन्दू समाज में इसके प्रति जागृति लाना अब समय की आवश्यकता है। साथ ही देशवासियों की सुरक्षा के लिए इसके संदर्भ में आंदोलन खड़ा कर सरकार के पास संगठित रूप से शिकायतें और हलाल प्रमाणपत्र देने पर प्रतिबंध लगाने की मांग करनी चाहिए।
उक्त तथ्य हिन्दू जनजागृति समिति के राष्ट्रीय प्रवक्ता रमेश शिंदे ने सोनीपत बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं के समक्ष रखा।
रमेश शिंदे ने अपने वक्तव्य में कुछ गंभीर मुद्दों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वैश्विक स्थिति का विचार करने पर हलाल अर्थव्यवस्था आज विश्व की सबसे तीव्र गति से बढ़ रही अर्थव्यवस्था मानी जा रही है। हलाल मार्केट का मूल्य 3 ट्रिलियन डॉलर से अधिक है, इसमें तीव्र गति से बढ़ रही मुसलमान जनसंख्या का भी बड़ा हाथ है। इसका बाजार हर साल 15-20% की दर से बढ़ रहा है।
2 खरब डॉलर होने वाली हलाल अर्थव्यवस्था भारत की जीडीपी को टक्कर दे रही है। धर्म के आधार पर एक समानांतर आर्थिक व्यवस्था धीरे-धीरे विशाल रूप धारण कर रही है जिसका निश्चित रूप से भारत की धर्मनिरपेक्षता पर प्रभाव पड़ेगा। हिंदुओं को हलाल प्रमाणित उत्पादों और ऐसी कंपनियों के उत्पादों को खरीदने से बचना चाहिए, जो हिंदू परंपराओं का और भारत का इस्लामीकरण कर रही हैं।
सोनीपत बार एसोसिएशन में अधिवक्ताओ के लिए इस महत्वपूर्ण विषय का आयोजन अधिवक्ता मोहन कौशिक ने किया था। इस कार्यक्रम में सोनीपत बार एसोसिएशन के जागरूक अधिवक्ता तथा हिन्दू जनजागृति समिति के हरियाणा राज्य समन्वयक कार्तिक सालुंके उपस्थित थे। हलाल अर्थव्यवस्था के विरोध में समाज में जागृति करने का संकल्प लिया गया।
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