आंखों से अचानक धुंधला दिखने ( Blurred Vision ) की समस्या ज्यादा लोगों में देखी जा रही है। आंखों से धुंधला दिखने के बाद हमें चश्मों का इस्तेमाल करना पड़ सकता है।
आखों से धुंधला दिखने की समस्या को सिर्फ चश्में के इस्तेमाल तक सीमित नही रखना चाहिए, धुंधला दिखने की समस्या को नजरअंदाज करने से आगे चलकर आपको आंखों से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। आंखों की रोशनी अचानक कम हो जाए तो ऐसी स्थिति में चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए, इस समस्या की वजह कॉर्निया, रेटिना या ऑप्टिक सिस्टम में किसी भी प्रकार की दिक्कत हो सकती है। चश्मे या कांटेक्ट लेंस का इस्तेमाल करने वाले लोगों को आंखों से धुंधला दिखने पर चश्मा या लेंस बदलने की जरूरत होती है लेकिन सामान्य व्यक्तियों में यह समस्या आगे चलकर कई दूसरी समस्याओं को जन्म दे सकती है।
आंखों से धुंधला दिखने के कई लक्षण हो सकते हैं
आखों की रोशनी या नज़र कमजोर होने पर दिखने में समस्या के साथ-साथ आंखों का लाल होना, आंख में लगातार दर्द और सिरदर्द जैसी समस्या भी हो सकती है।
आंखों से धुंधला दिखने के कुछ प्रमुख लक्षण इस प्रकार से हैं।
प्रकाश (Light) से दिक्कत या फोटोफोबिया
आंखों में दर्द
बोलने में दिक्कत या कठिनाई होना
आंखों का लाल रहना
आंखों की पुतली का सफ़ेद होना
आंखों का सूखापन
आंखों से पानी आना
दोहरी दृष्टि
सिरदर्द और मतली, माइग्रेन की समस्या
आंखों में खुजली
एक आंख से कम दिखना
ये हो सकती हैं वजहें-
मस्तिष्क या दिमागी स्ट्रोक की वजह से दोनों आंखों की रोशनी या नज़र ख़राब हो सकती है। आंखों या दिमाग से जुड़ा स्ट्रोक धुंधला दिखने का प्रमुख कारण माना जाता है।
डायबिटीज की वजह से भी आंखें कमजोर हो सकती हैं। टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज की समस्या से जूझ रहे लोगों को डायबिटीज की वजह से होने वाले रोग रेटिनोपैथी से जूझना पड़ता है।
आंखों से जुड़ा संक्रमण होने की वजह से भी नजर कमजोर हो सकती है या धुंधला दिखने समस्या से जूझना पड़ सकता है। आंखों के संक्रमण में कॉर्निया को नुकसान पहुंचता है।
आईरिस आंखों के रंगीन हिस्से को कहते हैं, ऑटोइम्यूनरिएक्शन या आंखों से जुड़े संक्रमण की वजह से आईरिस में सूजन की समस्या होती है। यह दाद जैसे संक्रमण के कारण भी हो सकता है।
माइग्रेन सिरदर्द की भयानक स्थिति मानी जाती है। माइग्रेन की वजह से आंखों पर गहरा प्रभाव पड़ता है, इसमें सिर्फ सिर दर्द ही नही आखों से जुड़ी कई अन्य समस्याएं भी शुरू हो जाती हैं।
हाई ब्लड प्रेशर की वजह से भी आखों की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है। हाई ब्लड पप्रेशर की समस्या से जूझ रहे व्यक्तियों में आंखों का धुंधलापन, नजर कमजोर होना जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं।
आंखों में खिंचाव नजर कमजोर होने या धुंधलापन का कारण हो सकता है। किसी भी चीज को ज्यादा देर तक लगातार देखने से आंखों में खिंचाव की समस्या हो सकती है। कंप्यूटर, मोबाइल फ़ोन आदि की स्क्रीन पर ज्यादा देर तक लगातार देखने की वजह से यह दिक्कत लोगों में ज्यादातर देखी गयी है।
आंखों से अचानक धुंधला दिखने की समस्या कुछ विशेष आंखों के ड्रॉप और दवा की वजह से भी हो सकती है। कुछ एंटी-एलर्जी, एंटी-हाइपरटेंसिव, और एंटी-डिप्रेसेंट दवाएं सूखी आंखों और धुंधली नजर का कारण बन सकती हैं।
धुंधलेपन से आंखों को ऐसे बचाएं
बहुत अधिक या कम रौशनी में काम करने से आंखों पर दबाव पड़ता है। ऐसी रौशनी में काम करें जिसमें
-आपकी ऑंखें पूरी तरह से खुल पाए और उनपर कोई दबाव न बने।
-धूप में बाहर जाते समय आँखों पर धूप का चश्मा पहनें।
-एंटीऑक्सीडेंट, ओमेगा 3 फैटी एसिड और विटामिन ए से भरपूर आहार लें।
-सिगरेट न पिएं।
-अपनी आंखों की नियमित जाँच कराएं। खासकर अगर आपके परिवार में किसी को कोई आंखों से सम्बंधित समस्या है या थी।
– एजेंसी
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