टाइम मैगजीन ने 2023 वुमन ऑफ द ईयर अवॉर्ड की घोषणा की है। यह अवॉर्ड उन प्रभावशाली महिलाओं को दिया जाता है, जिनकी बदौलत महिलाओं को समान अधिकार मिलते हैं। इसमें कुल 12 महिलाएं शामिल हैं। आज महिला दिवस पर उन पांच महिलाओं के संघर्ष की कहानी पढ़िए…
अनिएले फ्रांको: ब्राजील में नस्लवाद के खिलाफ सशक्त आवाज
अनिएले फ्रांको ब्राजील में नस्लवाद के खिलाफ आवाज बुलंद कर रही हैं। 5 साल पहले तक वे स्कूल टीचर और वॉलीबॉल प्लेयर थीं, लेकिन 2018 में उनकी बहन की हत्या कर दी गई। इसके बाद अनिएले नस्लवाद के खिलाफ उतर गईं।
इसी साल लूला दा सिल्वा की सरकार बनने के बाद अनिएले को जातीय समानता मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई है। अब अनिएले ब्राजील के 11.5 करोड़ अश्वेत लोगों को बराबर अधिकार दिलाने की दिशा में काम कर रही हैं।
मेगन रेपिनो: महिला-पुरुष फुटबॉलर्स की फीस बराबर कराने में अहम भूमिका
मेगन रेपिनो अमेरिका की सर्वश्रेष्ठ महिला फुटबॉलर हैं। मेगान ने 2019 महिला वर्ल्ड कप में अमेरिका को जीत दिलाई थी। इसके बाद भी रेपिनो को बराबर वेतन के लिए संघर्ष करना पड़ा और 2022 में पहली बार अमेरिका में महिला-पुरुष को बराबर वेतन देने की लिए एक कमेटी का गठन किया गया।
रेपिनो ने अपनी कोशिश से कनाडा, स्पेन सहित अन्य देशों की महिलाओं को समान वेतन की मांग करने के लिए इंस्पायर किया है।
रामला अली: रिफ्यूजी महिलाओं को सिखा रही हैं बॉक्सिंग
रामला अली विश्व की पहली ऐसी महिला हैं जिन्होंने सऊदी अरब में बॉक्सिंग प्रतियोगिता में हिस्सा लिया है। रिफ्यूजियों के हक को लेकर आवाज उठाने के लिए टाइम ने उन्हें वुमन ऑफ द ईयर चुना है।
2018 में रामला ने सिस्टर्स क्लब की शुरुआत की थी। यह क्लब गरीब और वंचित महिलाओं को बॉक्सिंग की ट्रेनिंग देता है। रामला यूनिसेफ UK की ऐंबैस्डर भी हैं। बचपन में उनके परिवार को सोमालिया से भागकर ब्रिटेन में शरण लेनी पड़ी।
ओलेना शेवचेंको: रूस और यूक्रेन युद्ध में कमजोरों की आवाज बनीं
40 साल की ओलेना शेवचेंको पर पिछले पांच साल में सात बार हमला हुआ है। वजह है कि वे यूक्रेन में रह रही महिलाओं और समलैंगिकों की आवाज उठाती हैं। यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद शेवचेंको के ग्रुप ने ट्रांसजेंडर महिलाओं को फर्स्टएड किट दिलवाने के लिए करीब 33 करोड़ रुपए फंड रेज किए हैं।
शेवचेंको कहती हैं कि रूढ़िवादी समूह LGBTQ को भागने का आरोप लगाते हैं।
वेरोनिका क्रूज सांचेज: अबॉर्शन लॉ के खिलाफ आवाज बनीं
वेरोनिका क्रूज सांचेज पिछले 20 सालों से मैक्सिको में महिलाओं को अबॉर्शन में सहायता कर रही हैं। पिछले साल तक गुआनाजुआटो में हर प्रकार का अबॉर्शन बैन था।
वेरोनिका सहयोगियों के साथ अबॉर्शन पिल्स जरूरतमंद महिलाओं को उपलब्ध कराती थी। उनके लगातार संघर्ष के बाद मैक्सिको ने पिछले साल अबॉर्शन से बैन हठा दिया। अब वेरोनिका अमेरिकी महिलाओं की मदद कर रहीं हैं, जहां पिछले साल अबॉर्शन पर बैन हुआ है।
– एजेंसी
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