इजराइल सरकार और फ़लस्तीन प्रशासन ने हिंसा में हुई बढ़ोत्तरी को मिलकर कम करने का प्रयास करने का ऐलान किया है. अमेरिका और मिस्र की मौजूदगी में जॉर्डन में हुई बातचीत के बाद यह एलान हुआ है. यह बैठक जॉर्डन के एकमात्र तटीय शहर अक़ाबा में संपन्न हुई.
इस बैठक में दोनों पक्षों के बीच विश्वास कायम करने से जुड़े क़दम उठाने पर भी सहमति बनी है. इसमें तत्काल और स्थायी शांति के लिए काम करने का निर्णय लिया गया है.
इस साल हुई हिंसा में अब तक विद्रोहियों समेत कुल 70 लोग मारे जा चुके हैं. बैठक के बारे में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने कुछ घंटे पहले बताया है.
अपने ट्वीट में उन्होंने बताया, ”अक़ाबा में हुई आज की बातचीत इजराइल और फ़लस्तीन एक सकारात्मक क़दम है. तनाव कम करने और शांति बहाल करने के लिए सभी पक्षों के लिए यह अहम है.”
रविवार को भी हुई हिंसा
हालांकि, जब यह बातचीत चल रही थी तभी रविवार को वेस्ट बैंक में फ़लस्तीन के एक हथियारबंद शख़्स ने दो इजराइली नागरिकों की गोली मारकर हत्या कर दी.
इजराइल ने नब्लुस के निकट हवारा गांव में हुई इस घटना को ‘फ़लस्तीन का आतंकी हमला’ करार दिया है.
इजराइली सेना के अनुसार हमलावर की तलाश की जा रही है और वेस्ट बैंक में सेना की दो और बटालियन को तैनात किया जा रहा है.
यह भी बताया गया है कि मरने वालों में से एक इजराइली सैनिक शामिल था.
रविवार को हुए इस हमले के कुछ घंटे बाद वहां बसे कई लोग हवारा गांव में घुस गए और पत्थरबाज़ी करने लगे. उन लोगों ने वहां मौजूद कारों और पेड़ों को आग लगा दी.
फ़लस्तीनी सूत्रों के अनुसार इस घटना में कम से कम 15 घर और कई कार जल गए. इस घटना से भयभीत कई परिवार अपने अपने घर छोड़कर चले गए.
बताया जा रहा है कि इस घटना में सैकड़ों लोग घायल हुए हैं.
Compiled: up18 News
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