प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल 2023 की पहली ‘मन की बात’ को संबोधित किया। पीएम मोदी का ये मासिक रेडियो कार्यक्रम का 97वां संस्करण था। पीएम मोदी ने इस मन की बात की शुरुआत गणतंत्र दिवस के समारोह से की। पीएम मोदी ने कहा, भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और हम भारतीयों को इस बात का गर्व भी है कि हमारा देश Mother of Democracy भी है।
लोकतंत्र हमारी रगों में है, हमारी संस्कृति में है। इसके अलावा पीएम मोदी ने क्लाइमेंट चेंज, कश्मीर के विंटर गेम्स, गोवा के Purple Fest समेत कई मुद्दों पर अपने विचार रखे।
पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में ई-वेस्ट को लेकर चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि अगर ई-कचरा को ठीक से व्यवस्थित नहीं किया गया, तो पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच सकता है। लेकिन अगर सावधानीपूर्वक ऐसा किया जाता है, तो यह रीसायकल और रीयूज की सकुर्लर इकोनॉमी की बहुत बड़ी ताकत बन सकती है।
पीएम मोदी ने कहा कि आज के लेटेस्ट डिवाइस भविष्य के E-Waste भी होते हैं। जब भी कोई नया डिवाइस खरीदता है या फिर अपनी पुरानी डिवाइस को बदलता है तो यह ध्यान रखना जरूरी हो जाता है कि उसे सही तरीके से डिस्कार्ड किया जाता है या नहीं।
हर साल 50 मिलियन टन ई वेस्ट फेंका जा रहा
पीएम मोदी ने संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए बताया कि हर साल 50 मिलियन टन ई वेस्ट फेंका जा रहा है। उन्होंने कहा कि ये ई-वेस्ट कितना होता है इसे जानकर आप चौंक जाएंगे। उन्होंने कहा कि ‘अगर मानव इतिहास में जितने भी कर्मिशयल प्लेन बने हैं उनका वजन मिला दिया जाए तो भी जितना ई वेस्ट निकल रहा है उसने बराबर नहीं होगा।’ ये ऐसा है जैसे हर सेकंड 800 लैपटॉप फेंक दिए जा रहे हों।
E-Waste का सदुपयोग कचरे को कंचन बनाने से कम नहीं
पीएम मोदी ने कहा, ‘आप जानकर चौंक जाएंगे कि इन ई-वेस्ट से अलग-अलग प्रोसेस के जरिए प्रेशर्स मेटल निकाले जा सकते हैं। इसमें गोल्ड, सिल्वर और कॉपर और निकल शामिल हैं इसलिए E-Waste का सदुपयोग करना, ‘कचरे को कंचन’ बनाने से कम नहीं है। आज ऐसे स्टार्टअप की कमी नहीं है। इस क्षेत्र में 500 ई-वेस्ट रीसायकलर्स काम कर रहे हैं और नए उद्यमियों को जोड़ा जा रहा है। इससे हजारों लोगों को रोजगार भी दिया जा रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कार्य्रकम के दौरान कहा कि आज मैं आपको ऐसे विषय के बारे में बताउंगा जिसे सुनकर आप भी कहेंगे वाह भाई वाह! दिल खुश हो गया! पीएम मोदी ने Indian Institute of Science यानी IISC का जिक्र करते हुए कहा कि इस संस्था के नाम पर 145 पेटेंट हैं। उन्होंने इसके लिए बधाई भी दी। इस संस्थान के पीछे देश की दो महान विभूतियां जमशेदजी टाटा और स्वामी विवेकानंद की प्रेरणा रही है।
इसके अलावा मोदी ने महाराष्ट्र में 20 साल से मिलेट्स की खेती करने वाली शर्मिला और ओडिशा में बाजरे से रसगुल्ला और केक बनाने वाली महिलाओं का जिक्र कर उनके इस प्रयास की सराहना की।
पीएम मोदी ने दी लोगों को नए साल की बधाई, त्योहारों का भी जिक्र
पीएम मोदी ने 97वें मन की बात कार्ययक्रम की शुरुआत में देशवासियों को नए साल की बधाई दी। मोदी ने कहा कि जनवरी के महीने में उत्तर से दक्षिण और पूरब से पश्चिम तक त्योहारों की रौनक रहती है। इसके बाद देश गणतंत्र उत्सव भी मनाता है। इस बार भी गणतंत्र दिवस पर अनेक पहलुओं की काफी प्रशंसा हो रही है। पीएम मोदी ने कहा कि जैसलमेर से पुल्कित ने मुझे लिखा है कि 26 जनवरी की परेड के दौरान कर्तव्य पथ का निर्माण करने वाले श्रमिकों को देखकर बहुत अच्छा लगा। कानपुर से जया ने लिखा है कि उन्हें परेड में शामिल झांकियों में भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को देखकर आनंद आया। इस परेड में पहली बार हिस्सा लेने वाली Women Camel Riders और CRPF की महिला टुकड़ी की भी काफी सराहना हो रही है।
पद्म पुरस्कार पाने वालों की तारीफ
मन की बात कार्यकम में पीएम मोदी ने पद्म पुरस्कार पाने वालों की भी चर्चा की। उन्होंने पुरस्कार पाने वाले लोगों की तारीफ करते हुए कहा कि इस बार पद्म पुरस्कार से सम्मानित होने वालों में कई ऐसे लोग शामिल हैं, जिन्होंने संगीत की दुनिया को समृद्ध किया है। कौन होगा जिसको संगीत पसंद ना हो। हर किसी की संगीत की पसंद अलग-अलग हो सकती है, लेकिन संगीत हर किसी के जीवन का हिस्सा होता है।
इस बार पद्म पुरस्कार पाने वालों में वो लोग हैं जो संतूर, बम्हुम, द्वितारा जैसे हमारे पारंपरिक वाद्ययंत्रों की धुन बिखेरने में महारत रखते हैं। गुलाम मोहम्मद ज़ाज़, मोआ सु-पोंग, री-सिंहबोर कुरका-लांग, मुनि-वेंकटप्पा और मंगल कांति राय ऐसे कितने ही नाम हैं जिनकी चारों तरफ़ चर्चा हो रही है।
पीएम मोदी ने इंडिया द मदर ऑफ डेमोक्रेसी किताब की चर्चा
आज जब हम आजादी के अमृत महोत्सव के दौरान गणतंत्र दिवस की चर्चा कर रहे हैं, तो मैं यहाँ एक दिलचस्प किताब का भी जिक्र करूंगा। कुछ हफ्ते पहले ही मुझे मिली इस किताब में एक बहुत ही रोचक विषय पर चर्चा की गयी है। इस किताब का नाम इंडिया द मदर ऑफ डेमोक्रेसी किताब है और इसमें कई बेहतरीन विषय हैं। लोकतंत्र हमारी रगों में है, हमारी संस्कृति में है। सदियों से यह हमारे कामकाज का भी एक अभिन्न हिस्सा रहा है। स्वभाव से, हम एक डेमोक्रेटिक सोसाइटी हैं। डॉ० अम्बेडकर ने बौद्ध भिक्षु संघ की तुलना भारतीय संसद से की थी। उन्होंने उसे एक ऐसी संस्था बताया था, जहां Motions, Resolutions, Quorum (कोरम), Voting और वोटों की गिनती के लिए कई नियम थे। तमिलनाडु में एक छोटा, लेकिन चर्चित गांव है – उतिरमेरुर। यहां ग्यारह सौ-बारह सौ साल पहले का एक शिलालेख दुनिया भर को अचंभित करता है। यह शिलालेख एक Mini-Constitution की तरह है।
गोवा में पर्पल फेस्ट इवेंट का भी जिक्र
पीएम मोदी ने गोवा में हुए पर्पल फेस्ट इवेंट का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि गोवा में पर्पल फेस्ट इवेंट हुआ। दिव्यांगजनों के कल्याण को लेकर यह अपने-आप में एक अनूठा प्रयास था। 50 हजार से भी ज्यादा हमारे भाई-बहन इसमें शामिल हुए। यहां आए लोग इस बात को लेकर रोमांचित थे कि वो अब ‘मीरामार बीच’ घूमने का भरपूर आनंद उठा सकते हैं
भगवान बुद्ध और अंबेडकर का जिक्र
मन की बात कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा डॉ अम्बेडकर ने बौद्ध भिक्षु संघ की तुलना भारतीय संसद से की थी। उन्होंने उसे एक ऐसी संस्था बताया था, जहां प्रस्ताव, संकल्प, कोरम और वोटों की गिनती के लिए कई नियम थे। बाबासाहेब का मानना था कि भगवान बुद्ध को इसकी प्रेरणा उस समय की राजनीतिक व्यवस्थाओं से मिली होगी।
इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस और अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष दोनों का निर्णय भारत के प्रस्ताव के बाद लिया है। योग भी स्वास्थय से जुड़ा है और बाजरा भी स्वास्थय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दोनों अभियानों में जनता की भागीदारी के कारण एक क्रांति रास्ते पर है।
Compiled: up18 News
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