नई दिल्ली। भारत सरकार ने चीन के 14 एप्पल सप्लायर्स को मंजूरी देते हुए चीन को बड़ा झटका दे दिया है. वास्तव में भारत की मोदी सरकार स्मार्टफोन डॉमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने में जुटी हुई है. खासकर एप्पल पर सरकार की काफी गहरी नजर है. इस वजह से सरकार ने यह फैसला लिया है.
ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से जानकारी दी गई है कि भारत सरकार ने लक्सशेयर प्रिसिजन और लेंसमेकर सनी ऑप्टिकल टेक्नोलॉजी की एक यूनिट को मंजूरी दे है. भारत की ओर से मिली क्लियरेंस को भारत में पूर्ण मंजूरी की दिशा में एक कदम के तौर पर देखा जा रहा है. वहीं इन सप्लायर्स को एक शर्त का भी पालन करना होगा कि भारत में इन कंपनियों को ज्वाइंट वेंचर के लिए डॉमेस्क्टि पार्टनर की तलाश करनी होगी.
आईफोन मेड इन चाइन से मेड इन इंडिया पर होगा रिप्लेस
भारत दुनिया में आईफोन मैन्युफैक्चरिंग हब बनने की राह पर जा रहा है. ऐसा तब देखने को मिल रहा है जब चीन अपनी जियोग्राफिकल एरिया को एक्सपैंड करने की कोशिश में जुटा है. जिसे चीन+1 कहा जा रहा है. साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट में ताइवान के डिजीटाइम्स अखबार की रिसर्च यूनिट के के एनालिस्ट ल्यूक लिन के ने कहा है कि साल 2027 तक दुनिया में दो में से एक फोन मेड इन इंडिया होगा.
दूसरा आईफोन किसी भी देश से बना हुआ हो सकता है. खास बात तो ये है कि मौजूदा समय भारत दुनिया का 5 फीसदी प्रोडक्शन नहीं कर पा रहा है. दूसरी ओर जेपी मॉर्गन ने प्रिडिक्ट किया है कि भारत 2025 तक दुनिया भर में एप्पल का 25 फीसदी तक प्रोडक्शन करेगा.
Compiled: up18 News
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