दुनिया के सबसे मशहूर फ़ुटबॉल खिलाड़ी पेले का निधन, खेल जगत में शोक की लहर

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1977 में खेल से रिटायरमेंट लेने वाले पेले तीन फ़ुटबॉल विश्व कप जीतने वाली टीमों का हिस्सा रहे हैं. ऐसा करने वाले वो दुनिया के इकलौते खिलाड़ी हैं. अपने करियर में 1363 मैच खेलने वाले पेले ने रिकॉर्ड 1281 गोल किए.
उनके खेल और रिकॉर्ड से जुड़े सैंकड़ों किस्से दुनियाभर में प्रसिद्ध हैं लेकिन इतिहास के इस सबसे प्रसिद्ध खिलाड़ी से जुड़ी कुछ ऐसी बाते हैं जो कई लोगों को नहीं पता. पढ़िए ऐसे ही कुछ रोचक किस्से.

पेले के कारण रेफ़री को बाहर जाना पड़ा

18 जून 1968 को बोगोटा की बात है. पेले के क्लब सैंटोस और कोलंबियन ओलंपिक स्वॉड के बीच एक फ्रेंडली मैच चल रहा था. इस दौरान रेफ़री गूइलेरमों वेलासक्वेज़ ने पेले को मैदान से बाहर जाने के लिए कहा. (रेड कार्ड का इस्तेमाल 1970 में शुरू हुआ था). उन पर फाउल करने का आरोप था. वेलाक्वेज़ के मुताबिक पेले ने उनके साथ बदतमीज़ी की थी.

लेकिन रेफ़री के इस फ़ैसले पर बहुत बड़ा विवाद हो गया और इसका विरोध शुरू हो गया. सैंटोस के खिलाड़ियों ने रेफ़री को घेर लिया. मैच की तस्वीरों में देखा जा सकता था कि वेलाज़क्वेज़ की आंखे काली हो गईं थीं.

वहां मौजूद दर्शकों ने भी उनका विरोध किया. 2010 में दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि उन्हें मैदान से बाहर जाना पड़ा. अपनी सीटी उन्होंने एक लाइन्समैन को दे दी और पेले को गेम में वापस बुला लिया गया.

यूरोप के क्लब के लिए क्यों नहीं खेले पेले?

पेले के आलोचकों का कहना है कि उनका यूरोप के किसी क्लब के लिए नहीं खेलना, उनके लिए फ़ायदेमंद साबित हुआ.

दिक़्क़त ये थी कि ब्राज़ील के कई दूसरे छोटे-बड़े खिलाड़ियों की तरह जब वो अपने करियर के चरम पर थे, तब उन्हें विदेश जाने से रोका गया.

सैंटोस क्लब ने रियल मैड्रिड और एसी मिलान जैसे क्लब के ऑफ़र ठुकरा दिए थे. उस समय खिलाड़ी कहां खेलेंगे, ये फ़ैसला उनके हाथ में नहीं होता था.

उन्हें ब्राज़ील में ही रखने का दबाव सरकार की तरफ़ से भी था. 1961 में तत्कालीन राष्ट्रपति जैनियो क्वॉड्रोस ने ऐलान किया कि पेले एक “राष्ट्रीय संपत्ति हैं” और उन्हें “एक्सपोर्ट” नहीं किया जा सकता.

हालांकि 1975 पेले एक विदेशी क्लब का हिस्सा बने, उन्होंन न्यू यॉर्क कॉसमॉस नाम की टीम के लिए खेला.

50 साल की उम्र में बने ब्राज़ील के कप्तान

पेले सिर्फ़ एक बार ब्राज़ील के कप्तान बने, इससे पहले हर बार क्लब और देश दोनों की ही टीमों के कप्तानी के ऑफ़र उन्होंने ठुकरा दिए.

राष्ट्रीय टीम से रिटायर होने के 19 सालों के बाद, 1990 में उन्होंने बतौर कप्तान एक दोस्ताना मैच में हिस्सा लिया. ब्राज़ील का मुकाबला ‘रेस्ट ऑफ़ द वर्ल्ड’ टीम से हुआ.

ये मैच पेले के 50वें जन्मदिन पर खेला गया था. पेले मैच के पहले 45 मिनट के लिए मैदान पर उतरे थे.

Compiled: up18 News


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