आगरा: रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण हो रहा है। उन पर अवैध रूप से धार्मिक स्थल बनाए गए हैं। उच्च न्यायालय का आदेश है कि इन धार्मिक स्थलों को हटाया जाए। इस आदेश के नाम पर रेलवे ने धार्मिक स्थलों को हटाना शुरू कर दिया है। डीजल शेड में मजार को कुछ दिन पहले हटाया गया था। उसके बाद आज गुरुवार को आरपीएफ ने सिविल पुलिस के सहयोग से हिंदू और मुस्लिम दोनों ही समुदाय के धार्मिक स्थलों को रेलवे की जमीन से हटाया।
रेलवे का महाबली दोनों ही समुदाय के धार्मिक स्थलों पर खूब गरजा। रेलवे के अधिकारी आरपीएफ और सिविल पुलिस के साथ महाबली को लेकर सबसे पहले पहलवान शाह बाबा की दरगाह पर पहुंचे। यहां पर लोग कुछ समझ पाते इससे पहले ही आरपीएफ ने दरगाह पर बैठे बाबा को बाहर निकाला, उनका सामान भी बाहर रखा।
उन्होंने बताया कि यह दरगाह रेलवे की भूमि पर है और न्यायालय के आदेश पर हटाई जा रही है। यह कहने के साथ ही आरपीएफ का महाबली गरजा और कुछ ही मिनटों में पूरी दरगाह को ढहा दिया। जैसे ही मस्जिद ढह गयी, विरोध करने मौके पर लोग पहुंच गए लेकिन उससे पहले ही रेलवे के अधिकारी मौके से निकल गए थे। लोगों ने मस्जिद गिराए जाने पर आक्रोश व्यक्त किया।
पहलवान शाह बाबा की दरगाह ढहाए जाने से मुस्लिम समाज के लोगों में आक्रोश देखने को मिल रहा है। दरगाह गिराए जाने की सूचना पर लोग मौके पर एकत्रित हो गए। उन्होंने इस घटना की निंदा की। उनका कहना था कि बिना नोटिस दिए ही इस दरगाह को गिरा दिया गया है जबकि इस दरगाह से किसी को भी दिक्कतें नही थी और न ही यह अतिक्रमण था।
सैकड़ों वर्ष पुरानी थी दरगाह
लोगों का कहना था कि आज जिस दरगाह को हटाया गया है, वह सैकड़ों वर्ष पुरानी थी। हमारी उम्र भी लगभग 60 से 70 वर्ष हो गई और हम इसे बचपन से ही देखते चले आ रहे हैं। ऐसे में अचानक आकर दरगाह को गिरा देना ठीक नहीं है, इससे आपसी सौहार्द भी बिगड़ता है।
नगला पुलिया की दरगाह भी ढहाई
रेलवे दल बल के साथ नगला पुलिया की दरगाह को ढहाने के लिए पहुंची। यहां पर रेलवे का महाबली भी पहुंच गया। जैसे ही इस दरगाह पर पुलिस और आरपीएफ का दल बल पहुंचा, लोगों का जमावड़ा भी लग गया। आरपीएफ ने पहुंचकर पहले दो दरगाह को खाली कराया। फिर यह सुनिश्चित किया कि अंदर कोई नहीं है और फिर इसके बाद ओके कहते ही रेलवे का महाबल ने दहाड़ लगा दी। कुछ ही मिनटों में पूरी दरगाह नेस्तनाबूद हो गई। भारी संख्या में पुलिस बल मौजूद होने पर किसी ने भी विरोध नहीं किया। इस पूरी कार्रवाई में आरपीएफ को मात्र 15 मिनट लगे होंगे और फिर इसके बाद रेलवे का महाबली अगले धार्मिक स्थल की ओर चल पड़ा।
तोड़ा गया वर्षों पुराना मंदिर
रेलवे के किनारे ही वर्षों पुराना मंदिर है। इस मंदिर में सभी देवी देवताओं की प्रतिमाएं लगी हुई थी। आरपीएफ और रेलवे के अधिकारी इस मंदिर पर कार्रवाई करने के लिए दल बल के साथ पहुंचे। महाबली भी इस मंदिर पर खूब गरजा लेकिन मंदिर के लोगों ने प्रतिमा हटाए जाने के लिए कुछ समय देने का निवेदन किया तो आरपीएफ ने भी उन्हें पूरा समय दिया। एक-एक करके मंदिर से सभी देवी देवताओं की प्रतिमा निकाली गई। फिर उसके बाद बुलडोजर के माध्यम से मंदिर तोड़ दिया गया।
लोगों ने किसी तरह की आवाज नहीं उठाई। कार्रवाई यूं ही चुपचाप चलती रही। लोगों ने भी समझ लिया था कि हाईकोर्ट का आदेश है और इस आदेश का उल्लंघन करना ठीक नहीं होगा।
मंदिर को तोड़े जाने के बाद रेलवे का महाबली मंदिर से चंद कदमों की दूरी पर स्थित भूरे शाह बाबा की दरगाह पर पहुंच गया। यह दरगाह भी वर्षों पुरानी थी। इस दरगाह को भी रेलवे की ओर से पहले नोटिस जारी किया जा चुका था नोटिस दिए जाने के बावजूद दरगाह को स्वयं न हटाए जाने पर महाबली ने इस दरगाह को ढहा दिया।
आगरा रेल मंडल की पीआरओ प्रशस्ति श्रीवास्तव ने बताया कि आज कई धार्मिक स्थलों पर कार्रवाई की गई है। यह धार्मिक स्थल रेलवे की भूमि पर अवैध रूप से बने हुए थे। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश है कि ऐसे सभी धार्मिक स्थलों को हटाया जाए। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के अनुपालन में ही इस कार्रवाई को कराया जा रहा है। धार्मिक स्थलों को हटाए जाने से पहले उन्हें नोटिस भी जारी किए गए थे लेकिन स्वयं धार्मिक स्थल को हटाए जाने पर आरपीएफ कार्रवाई कर रही है।
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