संयुक्त राष्ट्र में बोले भारतीय विदेश मंत्री, लादेन को पनाह देने वाले देश को आंतकवाद पर ज्ञान देने का अधिकार नहीं

Exclusive

भारत इस समय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता कर रहा है.

सुरक्षा परिषद की बैठक में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ‘हम मानते हैं कि ये एक बहुराष्ट्रीय उद्देश्य है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का उद्देश्य है.

अगर आप इस बहुपक्षीय संस्थान और बहुपक्षवाद को सफल होते देखना चाहते हैं तो आप इस दिशा में योगदान दे सकते हैं. कश्मीर से जुड़े यूएनएससी के प्रस्तावों को अनुमति दी जाए.

ये साबित करें कि बहुपक्षवाद सफल हो सकता है. और ये साबित करें कि यूएनएससी सफल होकर हमारे क्षेत्र में शांति ला सकता है.’

इस पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पलटवार करते हुए कहा, ‘संयुक्त राष्ट्र की विश्वसनीयता इस पर टिकी है कि यह हमारे दौर की बड़ी चुनौतियां जैसे महामारी, जलवायु परिवर्तन, संघर्ष या आतंकवाद का कैसे सामना करती है.

हम आज यहां बहुपक्षवाद में सुधार पर बात करने के लिए आए हैं. ये स्वाभाविक है कि हमारे अपने विचार हैं. लेकिन ये माना जा रहा है कि इसे अब टाला नहीं जा सकता.

और हम जब इन समस्याओं के उचित और सटीक समाधान तलाश रहे हैं तो हमारी बातचीत में इनके सामान्यीकरण को स्वीकार नहीं किया जा सकता. दुनिया जिसे अस्वीकार्य मानती है, उसे सही ठहराने का सवाल ही नहीं उठना चाहिए.

ये बात किसी राज्य की ओर से पोषित सीमा पार आतंकवाद पर निश्चित रूप से लागू होती है. और न ही ओसामा बिन लादेन को पनाह देने एवं पड़ोसी देश की संसद पर हमला करना आपको इस सभा में ज्ञान देने का आधार नहीं देता.’

Compiled: up18 News